केजरीवाल सरकार ने LG के 2 आदेशों और गृह मंत्रालय के एक आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें LG ने दिल्ली सरकार को अपनी पसंद के वकील नियुक्त करने और उनकी फीस तय करने से रोका था -
इसका मतलब साफ़ है अभी वकीलों की न नियुक्ति हुई और न उनकी फीस तय हुई लेकिन खन्ना/दत्ता ने कल 11 मई को LG को हुकुम दे दिया की सभी वकीलों की बकाया फीस का भुगतान कर दिया जाए और इसे Prestige Issue न बनाया जाए -
टैक्स पैयर्स के पैसे को अपराधियों के वकीलों की फीस के रूप में खर्च करना तो निर्दोष जनता पर ही जुर्माना होगा ।