केजरीवाल ने खुले मंच से साफ साफ शब्दों में घोषणा की है की यदि 4 जून को इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो 5 जून को वो बहार होंगे..तो क्या ये मान लिया जाय की इंडी गठबंधन के जीतने के बाद कोर्ट आदि भी सरकार द्वारा संचालित किए जाएंगे?
इनके बयान से तो ऐसा ही लगता है, ये सीधे तौर पर न्यायालय पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं !!!! क्या माननीय इसका स्वतः संज्ञान लेंगे 🤔 ?? या माननीय के हिसाब से लोकतंत्र सिर्फ मोदीराज में खतरे में है भाई बाकी ये तो सब जन सेवक है !!!!????
क्या चुनाव प्रचार के नाम पर कुछ भी किया जा सकता है? किसी भी लेकर को घोषणा दावे ऐसी किए जा सकता है ? केजरीवाल की ये घोषणा तो वाकई में इंडी गठबंधन की पोल खोलती है और साथ ही देश के कानून, कोर्ट आदि की विश्वसनीयता को कलंकित करती है। ऐसे बयानों पर कोर्ट को स्वत संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से बेल खत्म कर जेल देनी चाहिए और कोर्ट की मानहानि का भी दंड सुनिश्चित करना चाहिए लेकिन माननीय के पास शायद ये स्टेटमेंट वाला वीडियो पहोंचा नहीं होगा जैसे मणिपुर वाला वीडियो पहोंचा था।