मंथरा वर्ग ने राफेल घोटाला खूब उछाला था और पीएम मोदी पर चिपकाने की पुरजोर कोशिश हुई, आखिरकार क्या निकला?
पूछना चाहिए।
फिर हिंडन बर्ग की रिपोर्ट से वाया अड़ानी में भी मोदी को घेरने का षड्यंत्र रचा गया, अंत में क्या मिला?
पूछना चाहिए।
अब इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिये कुछ बड़ा करने की साजिश रची है। इसके लास्ट में क्या निकलेगा, देखने वाली बात होगी। इसमें सभी राजनीतिक पार्टी शामिल है।
नो डाउट सत्तारूढ़ से बिज़नेस मैन बनाकर चलते है तो डोनेशन अच्छा मिलता है। बीजेपी की केंद्र और राज्यों में सरकारें है तो चंदा की रकम अधिक होगी।
लेकिन…लेकिन! फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस ने 2021 में बीजेपी को अच्छा डोनेट किया था लेकिन 2022 में ईड़ी ने रेड मारी और 409 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी।
फेवर गेम कतई न खेला गया, गलत किया है तो चुकाना पड़ेगा।
इससे मोदी की निष्ठा का परिचय मिलता है, मोदी को परिवार पर तंज कसने वालों, उन्होंने अपने गांधीनगर के प्लॉट को दान कर दिया। ऐसा कोई राजनेता देखा है जो जमीन डोनेट कर दें, ऐसे अवश्य है जो उल्टा गरीबों से जमीनें लिखवा लेते है।
मंथरा वर्ग याद है जब यूपीए सत्ता में थी तब डीडी प्रियंका से पेंटिंग 2 करोड़ में खरीदने का दबाव बनाया गया था।
पॉवर के साथ सब चलते है।
इलेक्टोरल बॉण्ड स्कीम पारदर्शी है तभी तो पूरा डेटा उपलब्ध हो चला। पूर्व में तो ऐसा नहीं था। ख़ैर।
#प्रोफेसरलेक्चर #इलेक्टोरलबॉण्ड