अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है की 25 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के 1 दिन पहले सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति को ट्रक से टक्कर मार मार कर तोड़ा गया और फिर उसपर पत्थर, लाठी, और पैरों से प्रहार किया गया। सरदार पटेल का ऐसा अपमान वो भी पुलिस की उपस्थिति में! आज बाबासाहेब के नाम के पीछे छिपे लोगों ने ये कुकृत्य किया और अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देते हुए बता दिया की वो कितना बाबासाहेब और उनके संविधान को मानते ही हैं। आंबेडकर की फोटो लगवाने के लिए सरदार पटेल का अपमान... क्या ये बाबासाहेब के सिद्धांत हैं??
ऐसे दुस्कृत्यों पर प्रशासन को ऐसी कार्यवाही करनी चाहिए की दुष्ट लोगों की सात पुश्तें याद रखें और पुनः कोई भी देश के महापुरुषों का अपमान करने का दुस्साहस ना कर सके। यदि आज इस मानसिकत पर अंकुश ना लगाया तो भविष्य में हो सकता है ऐसी गतिविधियां देश में आम हो जाएं। ऐसे संगठनों पर बैन लगाया जाए जो बाबासाहेब के नाम के पीछे देश का माहौल बिगाड़ने का काम करते हों।