भारत में अनगिनत ऐसे इलाके हैं जहां हिंदू आजादी से अपने त्यौहार नहीं मान सकते और मनाने का प्रयास करते हैं तो उन पर जिहादी हमले हो जाते हैं। हर हिंदू त्योहार पर देश में अनेकों जगहों पर जिहादी हमले होते आए हैं और प्राण प्रतिष्ठा के इस महा महोत्सव पर भी देश के कई इलाकों में ऐसा देखने मिला है। कोई छोटा-मोटा शहर हो या मुंबई जैसा महानगर हर जगह है यह जिहादी मानसिकता अपनी नफरत का परिचय देने में सफल रही है लेकिन असफल रहा तो हिंदू जो इस मानसिकता को समझ ही नहीं पाया जिसने उत्सव मनाना तो याद रखा लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को भुला दिया।
हिंदू पुलिस और प्रशासन पर निर्भर रहता है यानी एक प्रकार से उन पर बोझ बनता है और होता क्या है यह तो हम देखते ही आ रहे हैं। कई बार देखा है कि पुलिस प्रशासन हिंदुओं पर तो लाठी डंडे चला लेता है लेकिन जहां बात जिहादी दंगाइयों की आती है वह मामले को किसी प्रकार निपटने का प्रयास किया जाता है अंततः नुकसान हर बार हिंदुओं का ही होता है।
अब प्रश्न यह उठता है या आखिर हिंदू अपनी और अपने धर्म की रक्षा करें कैसे आखिर कैसे इस स्थिति में रामराज्य की स्थापना संभव है? मुंबई के मीरा रोड से एक वीडियो सामने आया जिसमें एक शख्स साफ-साफ कहता है कि "यह उत्तर प्रदेश नहीं मुंबई है" उसने यह भी कहा कि "यह नया नगर है यहां मुसलमान रहते हैं तुम्हारे राम यहां मिलेंगे क्या तुम्हें क्या जरूरत थी यहां आने की और जय श्री राम के नारे लगाने की" (वीडियो लेख के अंत में संलग्न है) यानी अब हिंदुओं को पूरे भारत में जो कि धर्म के आधार पर विभाजित हुआ था वह अपनी खुशियां मनाने का खुला अधिकार नहीं है।
मुसलमान पूरे देश में कहीं भी आसानी से रैली निकाल सकते हैं अपने त्यौहार मना सकते हैं हिंदुओं के बीच आसानी से रह सकते हैं देश में अनगिनत जगह पर दिन में पांच बार लाउडस्पीकर पर जान कर सकते हैं जिसकी आवाज हिंदुओं के घरों में भी जाती ही है लेकिन कभी भी हिंदुओं ने इन बातों को लेकर उनपर हमले नहीं किए यहां तक की जब उनकी रैली हिंदू इलाकों से निकलती है तब भी हिंदू ही सहमा हुवा नजर आता है।
👆🤷यही है सहिष्णुता, शौहर्द्य और भाईचारा का असली सच
यदि हिंदुओं को अपनी, अपने परिवार की और अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षा करनी है तो उन्हें धर्म द्रोही आतंकी मानसिकता को समझते हुए इस मानसिकता का पूर्ण बहिष्कार करना होगा, अपने क्षेत्र में ऐसे विनाशकारी सोच को आने से रोकना होगा, और सबसे अधिक जरूरी "अपने देवी देवताओं को समझकर अपनी रक्षा हेतु पूरी तैयारी रखनी होगी ताकि समय आने पर हम अपनी और अपने परिवार को जेहादियों से बचा सकें
यदि ये सब नहीं कर सकते तो राम राज्य की बातें करना बंद कर दो और हो सके तो शस्त्र धारी, अधर्म विनाशक राम का नाम लेकर दिखावा करना भी बंद कर दो, क्योंकि तुम्हारी औकात नहीं की अखिल ब्रह्माण्ड के स्वामी की जय जय कार स्वच्छंद रूप से पूरे भारत में भी कर सको
अंत में बस यही कहेंगे की कई संगठन बड़े बड़े होकर भी खुलकर वो बातें हिंदुओं को नहीं समझा पा रहे जो आतंकी सोच के लोगों को उनके संगठन समझा रहे हैं। उन्हें कोई शंका नहीं की क्या करना है, उनका ध्येय क्लियर है वो तैयार है , बस प्रतीक्षा है तो "एक अवसर की"।।।।
हिंदू संगठन तो साम्प्रदायिक सौहार्द, भाईचारा आदि का पाठ पढ़ाते हैं और प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भी हिंदुओं को ज्ञान दिया जाता है की नफरत मत पालो मन में सबको अपना मानो, अपना बनाओ... ब्ला ब्ला.... यही बातें हिंदुओं को नपुंसक बना रही हैं
अब निर्णय तो हिंदुओं को ही लेना है... बाकी तो भगवान भरोसे ..
जय जय श्री राम ... मनीष भारद्वाज की कलम से🗡️
परम सत्य
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