संविधान का सम्मान हैं, बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान है लेकिन आखिर क्यों इनके सम्मान के नाम पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया जाता है? क्यों हिंदू धर्मग्रंथों को हिंदू देवी देवताओं को नीचा दिखाने का प्रयास किया जाता है? बदायूं , UP के एक कॉलेज में एक पढ़े लिखे अनपढ़ ने रामायण, गीता, राम कृष्ण का अपमान किया और फिर माफी मांगकर छूट गया... क्योंकि अपमान हिंदुओं की भावनाओं का हुवा , हिंदू देवी देवताओं का हुवा! किसी अन्य पर ऐसी टिप्पणी करता तो .....
क्या ये चाहते हैं की हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो और उनकी सहिष्णुता की सीमा पार हो जाए? ऐसे लोगों पर प्रशासन और कानून का कठोर कार्यवाही ना करना एक गलत संदेश से रहा है। आखिर लाखों को संख्या में उपस्थित हिंदू संगठन क्यों ऐसी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगा पा रहे? क्यों कानून और प्रशासन हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत होने से नहीं रोक पा रहे? इस प्रकार की हरकतें देश की शांति व्यवस्था और कानून व्यवस्था के लिए उचित नहीं।
मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला बदायूं जिले के थाना क्षेत्र सहसवान का है। यहाँ कछला रोड स्थित सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में 6 दिसंबर को डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कई छात्र और कॉलेज के प्रोफेसर आदि मौजूद थे। इस मौके पर अलग-अलग छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। थोड़े समय बाद राम सेवक यादव नाम के छात्र की बारी आई। राम सेवक यादव ने अपना भाषण शेरो-शायरी के अंदाज में शुरू किया और भगवान राम के खिलाफ ही बयानबाजी शुरू कर दी।
रामसेवक के भाषण का 59 सेकेण्ड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में उन्होंने कहा, “ये देश किसी रामायण किसी गीता से नहीं चलता, ये देश मेरे बाबा साहेब के बनाए हुए संविधान से चलता है। जय भीम से बड़ा कोई सम्मान नहीं है, जो भीम का नहीं है वो इंसान नहीं है। यूँ तो पूजते हैं लोग पत्थरों को, मगर मेरे बाबा साहेब से बड़ा कोई भगवान नहीं है। न राम ने कुछ किया है न श्री कृष्ण ने कुछ किया है, हमको जो कुछ भी दिया है बाबा साहेब आपके संविधान ने दिया है।”
राम सेवक यादव द्वारा बोली गई इन लाइनों के बाद हॉल की दर्शक दीर्घा में मौजूद बाकी छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। मंच पर मौजूद कुछ लोग भी उठ कर वहाँ से जाने लगे। कार्यक्रम का संचालन कर रहे व्यक्ति ने बाकी छात्रों से शांत रहने की अपील की। कुछ ही देर में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग पुलिस से राम सेवक पर कार्रवाई की माँग करने लगे। हालाँकि, पुलिस ने 9 दिसंबर को दिए गए अपने जवाब में बताया कि आरोपित छात्र ने माफ़ी लिखित तौर पर माँग ली है और कॉलेज के बाकी छात्रों ने उसे माफ़ भी कर दिया है।
पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी भी पक्ष द्वारा मामले में शिकायत कॉपी थाने में नहीं प्रस्तुत की गई है। वहीं विवाद बढ़ता देख कर आरोपित छात्र राम सेवक यादव ने एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने अपने शब्दों पर दुःख प्रकट करते हुए लोगों से क्षमा याचना की है।