व्यक्ति जो कहता है वह करता नहीं है किसी महापुरुष ने ठीक ही कहा है कथनीयों करने में बहुत अंतर होता है जिस प्रकार हम मान सकते हैं कि कांग्रेस का उम्मीदवार भी ईमानदार और मिलनसार हो सकता है, भाजपा के उम्मीदवार से बेहतर हो सकता है।
पर संसद में या विधानसभा में जब बहस होगी ,सनातन के पक्ष में वोटिंग होगी, गोहत्या को रोकने पर पर विधेयक लाया जाएगा तो वह अच्छा उम्मीदवार पार्टी लाइन का विरोध नहीं कर पायेगा।
जैसे जब धारा 370 को हटाने का मामला हो या राममंदिर का मामला आया तो कांग्रेस के अच्छे सदस्यों को भी विरोध करना पड़ा और उन्होंने किया फिर अच्छा आदमी क्या काम आयेगा।*
अभी हाल में ही सनातन को समाप्त करने का मुद्दा आया, रामायण को जलाने का मुद्दा आया कांग्रेस के कीसी भी नेता ने ऐसा करने वालों का कभी विरोध नहीं किया। तो फिर वह अच्छा आदमी हमारे लिए क्या कर सकता है।
हम स्टालिन ,खड़गे और उदयराज जैसे नेताओं के साथ खड़े नेताओं को मजबूत क्यों करें।
हमारे लिए तो वही अच्छा उम्मीदवार है जो सनातन और हिन्दू संस्कृति के साथ खड़ा होने वाला हो,स्टालिन और उदरराज को जबाब देने वाला हो,राष्ट्र के हित में आये बिल को समर्थन देने वाला हो।
हमास जैसे आंतकी संगठनों का विरोध कर सके, न की बर्बर व निर्दयी संगठन के साथ खड़ा होनेवाला हो। सनातन के साथ वाला हमारा साथी होगा।
🚩 जय स्वदेश 🌞 जय भारत 🚩