VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 6 श्लोक 47
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प्रशासक समिति ✊🚩
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅दिनांक - 01 नवम्बर 2023
⛅दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - कार्तिक
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - मृगशिरा 02 नवम्बर प्रातः 04:36 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅योग - परिघ दोपहर 02:07 तक तत्पश्चात शिव
⛅राहु काल - दोपहर 12:23 से 01:48 तक
⛅सूर्योदय - 06:44
⛅सूर्यास्त - 06:02
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:54 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - करवा चौथ, संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय : रात्रि - 08:50) , करक चतुर्थी, दशरथ चतुर्थी
⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹 करवा चौथ - 01 नवम्बर 2023🌹
🌹 कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है । करवा चौथ के दिन सुहागिन महिला पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं । अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ्य अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं ।
🔸संकष्ट चतुर्थी - 01 नवम्बर 2023🔸
🔸क्या है संकष्ट चतुर्थी ?
🔹संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
🔹इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।
🔹पुण्यदायी तिथियाँ व योग🔹
👉 ५ नवम्बर : रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह १०-२९ तक)
👉 ९ नवम्बर : रमा एकादशी (इसका व्रत चिंतामणि तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है ।), ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस
👉 १० नवम्बर : धनतेरस, भगवान धन्वंतरिजी जयंती
👉 ११ नवम्बर : नरक चतुर्दशी (रात्रि में मंत्रजप से मंत्रसिद्धि)
👉 १२ नवम्बर : नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), दीपावली (दीपावली की रात्रि में किया गया जप- तप, ध्यान-भजन अनंत गुना फल देता है।)
👉 १३ नवम्बर : सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से दोपहर २-५६ तक) (इस दिन तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।)
👉 १४ नवम्बर : नूतन वर्षारम्भ (गुज.), कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त)
👉 १५ नवम्बर : भाईदूज
👉 १७ नवम्बर : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-२४ तक) (इसमें किये गये ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । - पद्म पुराण)
👉 १९ नवम्बर : रविवारी सप्तमी (सुबह ७-२३ से २० नवम्बर प्रातः ५-२१ तक)
👉 २० नवम्बर : गोपाष्टमी
👉 २१ नवम्बर : ब्रह्मलीन भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस, अक्षय-आँवला नवमी
👉 २३ नवम्बर : देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी (इस दिन जप, होम, दान - सब पुण्यकर्मों का फल अक्षय होता है, गुरु-पूजन से भगवान प्रसन्न होते हैं व भगवान विष्णु की कपूर से आरती करने पर अकाल मृत्यु नहीं होती ।), भीष्मपंचक व्रत प्रारम्भ, चतुर्मास समाप्त ।
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