VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 6 श्लोक 17
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🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 07:36 तक तत्पश्चात चतुर्थी
*⛅दिनांक - 02 अक्टूबर 2023*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅नक्षत्र - भरणी शाम 06:24 तक तत्पश्चात कृतिका*
*⛅योग - हर्षण सुबह 10:29 तक तत्पश्चात वज्र*
*⛅राहु काल - सुबह 08:01 से 09:30 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:31*
*⛅सूर्यास्त - 06:27*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - चतुर्थी का श्राद्ध, संकष्ट चतुर्थी, महात्मा गांधी जयन्ती, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹सुख-समृद्धि, दीर्घायु व पितरों को तृप्ति प्रदाता कर्म : श्राद्ध*
*🔸 2 अक्टूबर 2023, सोमवार - चतुर्थी का श्राद्ध*
*🔸जो लोग श्राद्ध नहीं करते हैं वे स्वयं भी घाटे में रहते हैं और उनके पितर भी दुःखी होते हैं । और जो श्राद्ध करते हैं वे स्वयं भी सुखी, सम्पन्न होते हैं और उनके दादे-परदादे... सब पुरखे भी सुखी होते हैं ।*
*🔸गरुड़ पुराण (धर्म कांड प्रेत कल्प: १०.५७-५८) में आता है :*
*कुर्वीत समये श्राद्धं कुले कश्चिन्न सीदति । आयुः पुत्रान् यशः स्वर्गं कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम् ॥ पशून् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात् ।*
*🔸"श्राद्ध करने से कुल में कोई दुःखी नहीं रहता । पितरों की पूजा करके मनुष्य आयु, पुत्र.. यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशु, सुख और धन-धान्य प्राप्त करता है ।"*
*🔸जो श्राद्ध करते हैं उनके पास यश, धन- धान्य, सूझबूझ आती है, कुटुम्ब में अच्छी आत्माएँ आती हैं। पितरों का पिंडदान करनेवाला दीर्घायुष्य का धनी होता है ।*
*🔸श्राद्ध पक्ष में अपनी मृत्युतिथि पर पितर अंतवाहक शरीर से अपने परिवार के यहाँ जाते हैं। पितरों का पंचभौतिक शरीर नहीं होता है, वायुमय शरीर होता है । वे बाट देखते रहते हैं कि 'हमारे पुत्र-पौत्र, संबंधी हमारा श्राद्ध करें ।" यदि श्राद्ध नहीं करते हैं तो बेचारे निराश होकर दुःखित मन से अपने वंशजों की निंदा करते हैं और लम्बी-लम्बी साँस खींचते हुए अपने-अपने लोकों में जाते हैं । तो उस कुल खानदान के लिए आशीर्वाद के बदले जो कुछ निकलता होगा वे जानें ।*
*🔹इन पुण्यदायी तिथियों व योगों का अवश्य उठायें लाभ*
*👉 २ अक्टूबर : संकष्ट चतुर्थी, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती*
*👉 ८ अक्टूबर : रविपुष्यामृत योग [सूर्योदय से रात्रि २-४५ (९ अक्टूबर २-४५ AM ) तक ]*
*👉 १० अक्टूबर : इंदिरा एकादशी (इसका व्रत बड़े-बड़े पापों का नाशक तथा नीच योनि में पड़े हुए पितरों को भी सद्गति देनेवाला है ।)*
*👉 १८ अक्टूबर : तुला संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-२५ तक )*
*👉 २२ अक्टूबर : महाष्टमी, दुर्गाष्टमी, स्वामी रामतीर्थजी जयन्ती (दि.अ. )*
*👉 २४ अक्टूबर : विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), विजय मुहूर्त (दोपहर २- १८ से ३-०४ तक ) (संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य, सीमोल्लंघन के लिए), दशहरा, गुरु-पूजन, अपराजिता- शमी वृक्ष- अस्त्र-शस्त्र-वाहन पूजन, श्री माधवाचार्य जयन्ती*
*👉 २६ अक्टूबर : पापांकुशा एकादशी (इसका उपवास करने से कभी यमयातना नहीं प्राप्त होती । यह आरोग्य, सुंदर स्त्री, धन, मित्र एवं स्वर्ग व मोक्ष प्रदायक तथा माता, पिता व पत्नी के पक्ष की १०- १० पीढ़ियों का उद्धार कर देनेवाला व्रत है।)*
*[इस एकादशी से शरद पूर्णिमा (२८ अक्टूबर) तक रात्रि में चन्द्रमा को कुछ समय एकटक देखें व शरद पूर्णिमा की रात में सूई में धागा पिरोयें, इससे नेत्रज्योति बढ़ती है ।]*
*👉 २८ अक्टूबर : शरद पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण (अहमदाबाद में समय : रात्रि १-०६ से २-२२ तक; अन्य शहरों का समय देखें: bit.ly/Grahansamay)*
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