सनातन को खत्म करने की सोच रखने वाले INDI एलाइंस शासित राज्य कर्नाटक की घटना जहां हिंदू तीर्थ क्षेत्र जिसे दक्षिण का काशी कहा जाता है उस श्री काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध अंतरा गंगे की पहाड़ियों को एक मुस्लिम व्यक्ति अनवर उर्फ प्यारेजान ने हरे रंग से पोत इस्लामिक निशानी चांद तारे तथा 786 बना दिए।
यदि इनके मजहबी ठिकानों पर यदि हिंदू ऐसा कुछ करें तो???? आखिर क्या मंशा है ऐसा करने की? क्या मुगल काल में मुगलों द्वारा हिंदू धर्म स्थलों पर अतिक्रमण किया गया वैसा कुछ दोहराना चाहते हैं?
वैसे कांग्रेस के राज में और आशा भी क्या की जा सकती है? ये बात तो खुद INDI एलायंस वाले स्वीकार ही चुके हैं की इस गठबंधन का गठन सनातन के विरोध के लिए किया गया है, और मुस्लिम तुष्टिकरण तो इनका मुख्य एजेंडा सदा ही रहा है। हिंदुओं को जागरूक होना होगा और समझना होगा की उन्हें क्या करना है जिससे वो, उनके परिजन, उनके तीर्थ स्थल, उनका धर्म और देश सुरक्षित रह सके।
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कर्नाटक की कोलार पुलिस ने पर्यटन और तीर्थस्थल अंतरा गंगे पहाड़ियों के पत्थरों पर इस्लामी प्रतीकों का चित्र बनाने के आरोप में अनवर उर्फ प्यारेजान को गिरफ्तार किया है। वह पपराजनहल्ली के रहने वाला है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है और आरोपित से इस काम के पीछे की मंशा के बारे में पूछताछ कर रही है।
अनवर ने राज्य वन विभाग के स्वामित्व वाली जमीन को भी हरे रंग से रंग दिया था। इसे लेकर वन विभाग ने कोलार ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा गया है कि पत्थरों के बीच एक कमरा बनाया गया था। इसे हरे रंग से रंगा गया था। इसके साथ ही पहाड़ियों पर भी हरे रंग पर सफेद रंग से इस्लामी चाँद- सितारे का इस्लामी निशान और 786 बनाया गया था। हालाँकि ऐसा करने के पीछे उसके मकसद नहीं पता चल पाया है।
काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए है मशहूर
अंतरा गंगे पहाड़ियाँ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 70 किमी दूर यह पर्यटक और तीर्थ स्थल स्थित है। कोलार से तीन किलोमीटर दूर है। यह जगह श्री काशी विश्वेश्वर मंदिर के लिए मशहूर है। इसे दक्षिण की काशी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अंतरा गंगे पहाड़ियों की गुफा में स्थित मंदिर हजारों साल पुराना है।
यह गुफा कई अन्य गुफाओं से जुड़ा हुआ है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर पत्थर पर नक्काशी कर एक साँप उकेरा गया है। बसवा (पवित्र गाय) की मूर्ति के मुख से पूरे साल पानी निकलता रहता है। इससे यहाँ का पवित्र कल्याणी (जलस्रोत) भरता रहता है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले तीर्थयात्री स्नान करते हैं।
हिंदुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अंतरा गंगे पड़ोसी क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। बेंगलुरु से नजदीक होने की वजह से यह यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी यह एक पसंदीदा जगह है।