नई दिल्ली का नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी (Prime Minister Museum and Library- PMML) हो गया है। सोमवार (14 अगस्त 2023) को इसका नया नामकरण किया गया। हालाँकि नाम बदलने का फैसला इस साल जून में ही हो गया था। नाम बदले जाने के बाद कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर नेहरू की विरासत को बदनाम और नष्ट करने का आरोप लगाया है।
नाम बदले जाने की जानकारी पीएमएमएल के वाइस चेयरमैन ए सूर्या प्रकाश ट्वीट कर दी है। उन्होंने पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और संस्कृति मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा है, “समाज के दायरे के लोकतंत्रीकरण और विविधिता की तर्ज पर नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त, 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!”
एनएमएमएल का नाम बदलने का जब फैसला हुआ था, तब भी कॉन्ग्रेस ने नाराजगी जताई थी। अब आधिकारिक घोषणा के बाद पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने फिर से पीएम मोदी पर हमला बोला है। कहा है कि पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर हमेशा खौफ और असुरक्षा में रहते हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नजर आते हैं। खासकर बात जब हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है।”
क्यों बदला NMML का नाम?
जून 2023 के मध्य में NMML का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) रखने का फैसला लिया गया था। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला सोसाययटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लिया गया था। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था। इसके बाद इस प्रोजेक्ट को एनएमएमएल की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने 25 नवंबर 2016 में औपचारिक तौर पर मँजूरी दी थी।
बीते साल 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री संग्रहालय को लोगों के लिए खोल दिया गया था। इस संग्रहालय में सारे प्रधानमंत्रियों के योगदान को चित्रित किया गया है। देश के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को दिखाया गया है। इसके उद्घाटन समारोह में नेहरू-गाँधी परिवार को भी निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन परिवार का कोई भी सदस्य इस समारोह में नहीं आया। गौरतलब है कि नेहरू-गाँधी परिवार से पंडित नेहरू, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएँ दी थी।