नूंह में भाईचारे का कैसा नजारा पेश किया गया विशेष लोगों द्वारा ये तो हम सबने देखा , इसके बाद अनेकों लोगों ने भाईचारे का घूंट भी पिलाना चाहा लेकिन अब जब वापस उस अधूरी यात्रा को जिसे कट्टरपंथी आतंकियों ने खंडित कर दिया था उसे पूरा करने का ऐलान क्या हुवा प्रशासन को सुरक्षा कि व्यवस्था करनी पड़ रही है। हिंदुओं को यात्रा करने से रोका जा रहा है।
यही पूर्ण सत्य है जो हिंदुओं के साथ-साथ सरकार और प्रशासन को भी समझना चाहिए और अगर इस सच को कुछ समझ गए तो देश के लिए खतरा कौन है वह भी समझ जाएंगे और खतरे को समझने के बाद उससे निपटने का मार्ग भी आसानी से खोज लेंगे। लेकिन दुर्भाग्य की देश में नेताओं, कानून, प्रशासन किसी को भी ना तो आतंक का मजहब समझ आता है ना भाईचारे और सेक्युलर का सच।
सरकार और प्रशासन विषेस वर्ग को उद्दंडता पर अंकुश नहीं लगा सकता वो कुछ कर सकता है तो बस हिंदुओं पर अत्याचार, हिंदुओं पर अन्याय जो लगातार होता आ रहा है। हिंदू मंदिरों से पैसे लूटती है सरकार, हिंदू यात्राएं , रैलियां रुकवाती है सरकार, हिंदू त्यौंहारों परंपराओं पर बंदिशे लगाती है सरकार...ये है हिंदुओं को सहिष्णुता का उनको उपहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 27 अगस्त से ही नूहं जिले की सीमाओं को सील करने की तैयारी चल रही है। सुरक्षा के नजरिए से न सिर्फ स्थानीय पुलिस बल्कि पैरामिलिट्री के जवान भी तैनात किए जा रहे हैं। हरियाणा के तमाम प्रशासनिक अधिकारी नूहं जिले में ही कैम्प कर रहे हैं।
इस यात्रा को पूरा करने के ऐलान के बाद सभी अधिकारी फिलहाल नूहं में मीटिंग कर रहे हैं। नूहं और आसपास के स्कूलों के साथ बैंकों को भी 28 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। माना जा रहा है कि यात्रा में शामिल होने आ रहे लोगों को सीमाओं पर ही रोक लिया जाएगा।
कानून-व्यवस्था के नजरिए से 32 स्पेशल ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। ख़ुफ़िया विभाग LIU को भी पूरी तरह से एक्टिव रहने के निर्देश दिए गए हैं। नूहं के उपायुक्त धीरेन्द्र खडगढा के मुताबिक सभी प्रशासनिक अधिकारियों को 27 और 28 अगस्त के दिन अपना मुख्यालय न छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं।
वहीं इस आदेश को न मानने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी बाहरी व्यक्ति इस यात्रा में शामिल होने आएगा उसे सीमा पर ही रोक कर वापस लौटा दिया जाएगा। प्रशासन को इस यात्रा में न सिर्फ हरियाणा के विभिन्न जिलों बल्कि देश के अन्य प्रदेशों से भी लोगों के शामिल होने का अंदेशा है।
गौरतलब है कि हरियाणा शासन ने नूहं बृजमंडल यात्रा की अनुमति देने से मना कर दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने श्रद्धालुओं को उनके आसपास के मंदिर में जाने की सलाह दी थी। हालाँकि, विश्व हिन्दू परिषद ने धर्मस्थल की यात्रा के लिए अनुमति लेना जरूरी नहीं बताया था।