GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ४ ज्ञानकर्म सन्यास योग श्लोक १८
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आज का पंचांग
गुरुवार २७/०७/२०२३
श्रावण शुक्ल नवमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी दोपहर 03:47 तक तत्पश्चात दशमी
⛅दिनांक - 27 जुलाई 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - विशाखा रात्रि 01:28 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग - शुभ दोपहर 01:39 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:05 तक
⛅सूर्योदय - 06:08
⛅सूर्यास्त - 07:24
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹संतरा - फलों द्वारा स्वास्थ्य-रक्षा🔹
🔸संतरा - यह सुपाच्य, क्षुधा व उत्साहवर्धक तथा तृप्तिदायी है ।
🔸निम्नलिखित सभी प्रयोगों में संतरे के रस की मात्रा : ५० से १०० मि.ली.
👉 (१) संतरे व नींबू का रस (१० मि.ली.) हृदय की दुर्बलता व दोष मिटानेवाला है । दिन में २ बार लें ।
👉 (२) संतरे के रस में उतना ही नारियल पानी पेशाब की रुकावट दूर कर उसे स्वच्छ व खुल के लानेवाला है ।
👉 (३) शहदसंयुक्त संतरे का रस हृदयरोगजन्य सीने के दर्द, जकड़न व धड़कन बढ़ाने में लाभदायी है ।
👉 (४) संतरे के रस के साथ स्वादानुसार पुदीना, अदरक व नींबू का रस पेट के विकारों (उलटी, अरुचि, उदरवायु, दर्द व कब्ज आदि) में विशेष लाभकारी है ।
👉(५) संतरे का रस व १० ग्राम सत्तू अत्यधिक मासिक स्राव व उसके कारण उत्पन्न दुर्बलता में लाभदायी है । सगर्भावस्था में इसका नियमित सेवन करने से प्रसव सुलभ हो जाता है ।
🔹मन कल्पवृक्ष🔹
🔸सुबह उठकर भी यदि सोचते हैं कि 'मैं दुःखी हूँ... मेरा कोई नहीं... मैं लाचार हूँ...' तो पूरा दिन परेशानी और दुःख में बीतेगा । सुबह उठकर यदि आप यह सोचें कि 'दुःख तो बेवकूफी का फल है । चाहे कुछ भी हो जाय, मैं आज दुःखी होने वाला नहीं । मेरा रब, प्रभु मेरे साथ है । मनुष्य जन्म पाकर भी दुःखी और चिंतित रहना बड़े शर्म की बात है । दुःखी और चिंतित तो वे रहें जिनका आत्मा-परमात्मा मर गया । मेरा आत्मा-परमात्मा तो ऐ रब ! तू मौजूद है न ! प्रभु तेरी जय हो ! ..... आज तो मैं मौज में रहूँगा ।' तो फिर देखो, आपका दिन कैसा गुजरता है ।
आपका मन कल्पवृक्ष है । आप जैसा दृढ़ चिंतन करते हैं, वैसा होने लगता है । अतः धैर्यपूर्वक चिंतन करें ।
🔹गुरुवार विशेष 🔹
🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :
🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।
🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।
🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।
🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।
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