भारतीय न्यायपालिका 🤦♂️ एक सैन्य अधिकारी को न्याय देने में 22 वर्ष और CJI साहब कुछ मामलों में रातों रात सुनवाई करते हैं #TistaSitalwad , कुछ तो न्याय के लिए लड़ते लड़ते मर जाते हैं।
‘ईमानदार सैन्य अधिकारी पर कलंक लगाया, अब ₹2 करोड़ दो’: 22 साल बाद तरुण तेजपाल को HC का आदेश, ‘तहलका’ की स्टिंग निकली फर्जी
‘तहलका’ पत्रिका के मुख्य संपादक रहे तरुण तेजपाल को मानहानि के मामले का दोषी पाते हुए 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। उन्हें ये 2 करोड़ रुपए मेजर जनरल MS अहलूवालिया की याचिका पर ये फैसला सुनाया। ये याचिका 2002 में ही दायर की गई थी। 21 साल बाद इस मामले में फैसला आया है। जिस खबर से ये मामला जुड़ा हुआ है, उसे मार्च 2001 में पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने माना कि न सिर्फ मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया की प्रतिष्ठा को इससे ठेस पहुँची, बल्कि जनता की नजर में भी उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा। साथ ही गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनके चरित्र की भी बदनामी हुई। हाईकोर्ट ने माना कि इसके बाद किसी भी प्रकार के खंडन से इसकी भरपाई संभव नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि मंशा जो भी रही हो, जिस तरीके से इस मामले की रिपोर्टिंग की गई वो सही नहीं था। ‘तहलका’ ने ‘Operation West End’ नामक इस रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अंडरकवर जर्नलिस्ट से 10 लाख रुपए और ब्लू लेबल व्हिस्की की एक बोतल की माँग की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि खोया धन पाया जा सकता है, लेकिन खोई प्रतिष्ठा नहीं। अब ये स्टिंग फर्जी साबित हो गया है।
बता दें कि इस मामले का बड़ा राजनीतिक प्रभाव भी पड़ा था। तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे बंगारू लक्ष्मण को भी इस्तीफा देना पड़ा था। 2012 में एक स्पेशल CBI कोर्ट ने उन्हें 4 साल की सज़ा सुनाई थी। 2014 में उनका निधन भी हो गया था।