GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक १२
आज का पंचांग
गुरुवार ०९/०६/२०२३
आषाढ़ कृष्ण ०५, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 06:58 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅दिनांक - 08 जून 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - श्रवण रात्रि 09:02 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅योग - इन्द्र शाम 06:59 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅राहु काल - दोपहर 02:20 से 04:01 तक
⛅सूर्योदय - 05:53
⛅सूर्यास्त - 07:24
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:11 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:01 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹सगर्भावस्था के दौरान आचरण🔹
👉🏻 दिन में नींद व देर रात तक जागरण न करें । दोपहर में विश्रांति लें, गहरी नींद वर्जित है ।
👉🏻 सीधे व घुटने मोडकर न सोये अपितु करवट बदल-बदलकर सोये ।
👉🏻 सख्त व् टेढ़े स्थान पर बैठना, पैर फैलाकर और झुककर ज्यादा समय बैठना वर्जित है ।
👉🏻 गर्भिणी अपानवायु, मल, मूत्र, डकार, छींक, प्यास, भूख, निद्रा, खाँसी, आयासजन्य श्वास, जम्हाई, अश्रु इन स्वाभाविक वेंगो को न रोके तथा यत्नपूर्वक वेंगों को उत्पन्न न करें ।
👉🏻 इस काल में समागम सर्वथा वर्जित है ।
👉🏻 सुबह की शुद्ध हवा में टहलना लाभप्रद है ।
👉🏻आयुर्वेदानुसार ९ मास तक प्रवास वर्जित है ।
👉🏻 चुस्त व गहरे रंग के कपड़े न पहनें ।
👉🏻 अप्रिय बात न सुनें व वाद-विवाद में न पड़े । जोर से न बोले और गुस्सा न करे । मन में उद्वेग उत्पन्न करनेवाले वीभत्स दृश्य, टीवी सीरियल न देखे व ऐसे साहित्य, नॉवेल आदि भी पढ़े-सुने नहीं । तीव्र ध्वनि एवं रेडिओ भी न सुनें ।
👉🏻 दुर्गन्धयुक्त स्थान पर न रहें तथा इमली के वृक्ष के नजदीक न जाएं ।
👉🏻 शरीर के समस्त अंगों को सौम्य कसरत मिले इस प्रकार के घर के कामकाज करते रहना गर्भिणी के लिए अति उत्तम होता है ।
👉🏻 सगर्भावस्था में प्राणवायु की आवश्यकता अधिक होती है अत: दीर्घ श्वसन (दीर्घ श्वास) व हलके प्राणायम का अभ्यास करें । पवित्र, कल्याणकारी, आरोग्यदायक भगवन्नाम-जप करें ।
👉🏻 मन को शांत व शरीर को तनावरहित रखने के लिए प्रतिदिन थोडा समय शवासन (शव की नाई पड़े रहना) का अभ्यास अवश्य करें ।
👉🏻 शांति होम एवं मंगल कर्म करे । देवता, ब्राम्हण, वृद्ध एवं गुरुजनों को प्रणाम करें ।
👉🏻 भय, शोक, चिंता, क्रोध को त्यागकर नित्य आनंदित व प्रसन्न रहे ।
🔹 ऊपर दी गयी सावधानियों का गर्भ व मन से गहरा संबंध होता है । अत: गर्भिणी दिये गये निर्देशों के अनुसार अपनी दिनचर्या निर्धारित करें ।
🔹गुरुवार विशेष 🔹
🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :
🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।
🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।
🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।
🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।
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