एक सिविल इंजीनियर और यूट्यूबर मनीष कश्यप बहुत पहले ही भागलपुर के इस कमज़ोर पुल का भांडा फोड़ चुका था, इसीलिए पलटू कुमार ने ललुआ के दो अनपढ़, बदतमीज़ लड़कों के साथ मिलकर इस नौजवान को जेल में डाल दिया।
सुप्रीम कोर्ट जो एक आतंकी को न्याय देने के लिये आधी रात को खुल जाता है, किसी पवन खेड़ा को हाथोंहाथ ज़मानत दे देता है उसने भी इस नौजवान यूट्यूबर पर UAPA लगाने की अनुमति देकर उसे चेन्नई की जेल में बंद करवा दिया है।
जबकि उसने सच्चाई को ही उजागर किया था, उसी की सज़ा उसे पूरा इकोसिस्टम दे रहा है।
भांड मीडिया तालिबान और रूस यूक्रेन युद्ध पर रात दिन पका डालता है लेकिन वो केजरीवाल के शीशमहल पर चुप है और मनीष कश्यप से तो उसे कोई लेना देना ही नहीं है।
नए संसद भवन पर लगभग 950 करोड़ खर्च होने पर रात दिन छाती कूटने वाले तमाम सेकुलर दोगले, भांड मीडिया भी 1700 करोड़ के इस पुल के ताश के पत्तों की तरह ढह जाने पर चुप हैं।
इसलिये अब हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम सोशल मीडिया पर मनीष कश्यप के लिये आवाज़ उठायें और बिहार सरकार, केंद्र सरकार से लेकर तो सुप्रीम कोर्ट पर भी दबाव बनाएँ।
सोशल मीडिया पर सक्रिय सभी मित्रों से आग्रह है कृपया मनीष कश्यप को न्याय दिलाने और जेल से बाहर निकलवाने के लिये सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म से आवाज़ उठायें, वरना कोई मनीष कश्यप फिर कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आवाज़ नहीं उठाएगा 🙏🏻🙏🏻
#JusticeForManishKashyap