मध्यप्रदेश के मंदसौर में एक पिता जो अपनी बेटी के मुस्लिम लड़के से लव मैरिज करने पर नाराज थे उन्होंने पुलिस स्टेशन में ही अपनी बेटी को कफ़न पहनाया और फूल माला गले में डाल दी और कहा कि आज के बाद हमारे लिए मर चुकी है👇 Video
हाल ही में एमपी में ही एक और किस्सा आया था जिसमें बेटी का बकायदा कार्ड छपवा कर उसका पिंडदान किया गया था वह भी ऐसा ही मामला था जिसमें मुस्लिम लड़के के साथ हिंदू लड़की चली गई थी लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि इन लड़कियों के माता-पिता यह जो काम कर रहे हैं यह सही है या गलत?
इस पर समाज को विचार जरूर करना चाहिए क्योंकि कोई भी प्रथा समाज में बिना गहन विचार के स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए। आज इन 2 लोगों ने किया है भविष्य में ऐसा ही काम और भी कई लोग करके समझेंगे कि हमने ठीक कर लिया और फिर यह लव जिहाद के मामले लगातार बढ़ते ही जाएंगे, और ये हमारे संस्कारों (अंतिम संस्कार) का भी अपमान या एक गलत चलन है जिसके भविष्य में भयानक दुष्परिणाम हो सकते हैं।
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अपनी बेटियों से घृणा कर पूरा दोष उनके माथे डालकर क्या ये परिजन उचित कर रहे हैं ? इससे क्या होगा? हम अपनी ही बेटियों को अकेला छोड़कर बड़ी गलती नहीं कर रहे हैं? अपनी बेटियों पर अपनी गलती का भार डालने के बजाय अपनी गलती को स्वीकार करके अपनी बेटी को यह कहें कि "बेटा भविष्य में कोई समस्या है तो अपने मां बाप को याद करना हम सदैव तेरे साथ खड़े हैं।"
बच्चे के केवल बच्चे पैदा कर देना माता-पिता का काम नहीं होता, उन्हें उचित धर्म ज्ञान देना संस्कार देना उनका हर मार्ग पर ध्यान रखना उनके व्यवहार उनके क्रियाकलापों पर नजर रखना उन्हें उचित मार्गदर्शन देना यह सभी माता-पिता के ही काम है। लेकिन वर्तमान में हिंदू माता-पिता यह सब करने में विफल है इसीलिए लगातार अनेकों घटनाएं हिंदू बच्चों के साथ समाज में हो रही है जो नहीं होनी चाहिए
😠यह माता-पिता इस प्रकार की हरकत करके अपनी गलतियों पर पर्दा नहीं डाल सकते। यह गलतियां इन्हीं माता-पिता की है जिन्होंने समय रहते अपने बच्चों को संस्कार नहीं दिए धर्म ज्ञान नहीं दिया , और अब यह उस बेटी को कफ़न पहना रहे हैं जो पता नहीं किस मजबूरी के कारण संभवत ऐसा हो सकता है (ब्रेनवाश, वीडियो, धमकी) उस मुश्लीम रह रही है।
👉यह केवल सहानुभूति बटोरने के तरीके हैं जबकि ऐसे मां-बाप का सामूहिक बहिष्कार होना चाहिए और ऐसे मां-बाप को बेइज्जत करना चाहिए ताकि समाज में यह संदेश जाए कि अगर आपने अपने बच्चों को उचित संस्कार नहीं दिए तो तुम्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
ये है मामला👇
नाराज पिता ने थाने में ही अपनी जीवित बेटी को कफन ओढ़ाकर फूल माला पहना दी और कहा कि आज के बाद हमारे लिए मर चुकी है. थाने में चले इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो किसी परिजन ने ही अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस मामले में 3 पुलिसकर्मी लाइन अटैच कर दिए गए हैं. (पुलिसकर्मियों को ही नहीं इन परिजनों को भी सजा दी जानी चाहिए)
मंदसौर जिले के नाहरगढ़ थाने का यह पूरा मामला है. थाना क्षेत्र के कयामपुर गांव में रहने वाली एक हिंदू युवती डेढ़ साल पहले अपने एक मुस्लिम युवक के साथ घर से भाग गई थी. फिर उसने मुस्लिम मित्र से निकाह रचाकर इस्लाम धर्म अपना लिया था. उधर, युवती के पिता ने नाहरगढ़ थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. पुलिस ने तलाश की तो पता चला कि युवती निकाह के बाद अपने शौहर संग मुंबई में रहने लगी है.
पुलिस के कहने पर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए युवती नारगढ़ थाने आई. मुंबई से वह अपने साथ वकील भी लाई थी. वहीं, युवती की शिनाख्त और चर्चा के लिए उसके पिता को भी थाने बुलवाया गया. जहां पुलिस को दिए बयान में युवती ने अपने परिवार से बात करने से मना कर दिया और कहा कि वह साहिल से निकाह कर चुकी है. अब वह उसी के साथ रहना चाहती है. समझाइश देने के बाद भी वह पिता के साथ जाने के लिए राजी नहीं हुई.