कपिल मिश्रा ने बताया कि हमारी बेटियां विक्टिम होती है उन्हें फसाया जाता है या बहलाया फुसलाया लाया जाता है लेकिन यदि हम उनके परिजन हमारी बेटियों से रिश्ता तोड़ लेते हैं तो कल को यदि वह हमारे पास किसी समस्या से जूझते हुए वापस आना चाहे तो कैसे आएगी?
कपिल जी ने सही ही कहा क्योंकि हमारी बेटियों का ऐसे किसके जाल की फंसना केवल उसको गलती तो नहीं और यदि जाल में फंसी है तो उसे क्या हमें अकेले छोड़ देना चाहिए? यदि कलको उसके साथ कुछ गलत हुवा तो क्या करेगी? कहां जाएगी वो? इसलिए माता पिता और परिजनों को चाहिए को वो अपनी बच्चियों से संवाद करें उन्हें धर्म ज्ञान और संस्कार दें तथा जेहादी, वामपंथी आदि से सतर्क करें और उनके जीवन में क्या चल रहा है उसकी जानकारी भी रखे
देखिए वीडियो और समझिए आखिर क्या कहना चाह रहे हैं कपिल मिश्रा जी?
मिश्रा ने वीडियो में कहा है, “बेटी का त्याग करना, उसे मरा हुआ मान लेना महापाप है। मैं यह कहना चाहता हूँ कि ऐसा मत करो। लव जिहाद के ज्यादातर मामलों में बेटियों की हत्या तभी होती हैं, जब उनसे सारे संबंध खत्म कर उन्हें मरने के लिए अकेला छोड़ दिया जाता है।” उन्होंने कहा है कि बेटी जब भी वापस आना चाहे उसके लिए दरवाजे खोलकर रखिए। उसे पता हो कि मेरे माता-पिता का, मेरे भाई-बहन का दरवाजा मेरे लिए खुला है। मैं वापस जा सकती हूँ।
उन्होंने कहा है, “बेटियाँ पीड़ित हैं, विक्टिम हैं, अपराधी नहीं हैं। शिकार हैं वो। सच्चा प्रेम हो या फिर वह लव जिहाद की शिकार हुईं हो, दोनों ही स्थितियों में संबंध खत्म मत करिए। संवाद का चैनल खुला रखिए। ताकि कल को कोई अब्दुल आपकी बेटी पर हाथ उठाए तो उसे यह डर हो कि इसका परिवार इसके साथ खड़ा है। ज्यादातर मामलों में अपराधियों को पता होता है कि मैं इसे मारूँगा और कोई इसे पूछने नहीं आएगा। इसको कोई बचाने नहीं आएगा। इसके पास जाने का कोई दरवाजा नहीं है। तब हत्या होती है। तब बेटियाँ सूटकेस में मिलती हैं।” उन्होंने कहा है, “जो बेटी आज जा रही है, क्या पता कल को उसकी आँख खुले। उस पर ट्रिपल तलाक, हलाला या किसी भी तरह का अत्याचार हो तो वह वापस आ सके।”
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