बाबासाहेब आम्बेडकर के पोते प्रकाश आम्बेडकर जो की महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के सहयोगी और वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष हैं , वो ऐसे समय मुग़ल आतताई औरंगजेब की कबर पर माथा टेकने जा रहे हैं जब महाराष्ट्र में तनाव की स्थिति है और हिंसा भी हुयी है ... क्या ये हिंसा ओर बढ़ाना चाहते हैं? ऐसे में महाराष्ट्र की सियासत में नया विवाद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
वैसे तो हर किसी की अपनी पसंद भी है ओर अधिकार भी की वो कहीं भी कथा टेकेँ या फोड़े लेकिन यहाँ सवाल ये उठता है की जिसे ये कथित रूप से फॉलो करते हैं या जिसके नाम पर राजनीती करते हैं उसकी बातों को कितना मानते हैं और कितना सम्मान करते हैं ... ऐसा इसलिए कह रहे हैं की बाबासाहेब आंबेडकर ने मुसलमानो के लिए अपनी बुक में जो कहा ये क्या उस बात को फॉलो करते हैं? 👇👇👇 लिंक पर क्लिक कर जरूर पढ़ें बाबासाहेब के अनमोल विचार जो बाबासाहेब के कथित मानाने वाले कभी आपको बताना नहीं चाहेंगे
वैसे इसी औरंगजेब को खुद उद्धव साहब भी अपना भाई बता चुके है ... ऐसा वीडियो में आप सुन सकते हैं 👇👇👇
अब वापस लौटते हैं मुख्य मामले पर - मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा साहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर शनिवार (17 जून, 2023) को छतरपुर संभाजी नगर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे थे। इस कार्यक्रम के बाद वह अपने सहयोगियों के साथ औरंगजेब की कब्र पर पहुँचे। यहाँ उन्होंने कब्र पर फूल चढ़ाकर सिर झुकाते नजर आए। औरंगजेब की मजार पर पहुँचने को लेकर प्रकाश आंबेडकर ने कहा है, “मैं पर्यटन स्थल के तौर पर यहाँ आया हूँ। औरंगजेब के नाम पर जिस तरह लड़ाइयाँ लड़ने का काम चल रहा है, उनसे मैं कहना चाहता हूँ औरंगजेब ने 50 साल राज किया। यह किसी से मिटाते नहीं बनेगा।”
इस मुद्दे बीजेपी प्रवक्ता अजित चव्हाण ने कहा है, “प्रकाश आंबेडकर ने पापी औरंगजेब की कब्र पर जाकर सलाम ठोंका है। यह धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान का अपमान है। काश उन्होंने बाबासाहेब आंबेडकर की किताब ‘थॉट्स ऑन पाकिस्तान’ पढ़ी होती।”
शिवसेना के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा है, “प्रकाश आंबेडकर के इस कदम पर कोई आश्चर्य नहीं है। इससे पहले वह ‘औरंगजेबी’ पार्टी AIMIM के सहयोगी रहे हैं। वे ऐसा ही करते रहे तो बचे हुए समर्थक भी उन्हें छोड़कर चले जाएँगें।” ज्ञात हो कि महाराष्ट्र की भाजपा नीत एकनाथ शिंदे सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर किया है।
बता दें कि औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में न केवल सियासी पारा सातवें आसमान पर है। बल्कि राज्य के कई जिले हिंसा की आग में जल रहे हैं। औरंगजेब को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट करने पर महाराष्ट्र के अहमदनगर से लेकर कोल्हापुर, बीड और लातूर जिलों में हिंसक घटनाएँ हुईं थीं। इन घटनाओं में कई लोग घायल भी हुए थे। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करने से लेकर धारा 144 तक लगानी पड़ी थी। ऐसे गर्म माहौल में प्रकाश आंबेडकर का औरंगजेब की कब्र पर जाना वोट बैंक की राजनीति और सियासी हित साधने के लिए की गई हरकत को दर्शाता है।
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