नासिक महाराष्ट्र स्थित ज्योतिर्लिंग त्रंबकेश्वर में कुछ दिन पहले मुस्लिम युवक कौन है चादर चढ़ाने का प्रयास किया जिसे वहां के सुरक्षा कर्मचारियों ने विफल कर दिया अब इस मुद्दे पर विवाद हो रहा है कुछ लोग मुसलमानों के इस प्रयास को उचित बता रहे हैं और अब स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे इन मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं। इन्हें गोमूत्र से भी खासी समस्या है ऐसा इनके भाषणों से नजर आता है। भाजपा को गोमूत्रधारी बताते हुए ठाकरे ने कहा कि हिन्दू धर्म को असली खतरा धूप दिखाने मुस्लिम युवकों से नहीं, बल्कि गोमूत्रधारियों से है।
भाजपा के विरोध के चक्कर में क्या उद्धव साहब गोमूत्र का अपमान कर रहे हैं और उन मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं जो जबरदस्ती हमारे द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक त्रंबकेश्वर में हरी चादर चढ़ाने का दुस्साहस कर रहे थे।
अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे लेख में लिखा, “भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ऐसा लगता है कि वही दुनिया में हिंदुत्व की एकमात्र ठेकेदार है। ऐसे स्वघोषित ठेकेदारों ने अपने अधीन उप-ठेकेदारों की नियुक्ति करके हिंदुत्व के नाम पर जो कर्कश हंगामा खड़ा किया है, उसे देखकर दो हिंदू हृदय सम्राट वीर तात्याराव सावरकर और शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे भाजपा को श्राप दे रहे होंगे।”
आगे लिखते हैं, “भाजपा का हिंदुत्व गोमूत्रधारी है। त्रयम्बकेश्वर में हिंदुत्व के नाम पर दंगा भड़काकर उसका रिएक्शन पूरे महाराष्ट्र में फैलाने की योजना हिंदुत्व के उप-ठेकेदारों ने बनाई थी। इस तरह धूप दिखाने की प्रथा बहुत पुरानी है, लेकिन इस बार उप-ठेकेदारों ने इस घटना को भुनाया और ‘मंदिर में मुस्लिमों ने घुसने की कोशिश की, हिंदू धर्म संकट में है’ का हो-हल्ला मचाया।” “खुद को हिंदुत्ववादी आदि कहने वाले बचकाने संगठनों को मंदिर शुद्धीकरण का ठेका किसने दिया? जब तक हिंदुत्व के नाम पर कालाबाजारी की ये दुकानें बंद नहीं होंगी, तब तक हिंदुत्व का मजाक उड़ता रहेगा। हिंदू धर्म को असली खतरा गोमूत्र से शुद्धीकरण करने वालों से है। इन्हीं विचारधारा वाले लोगों के कारण देश गुलाम हुआ था।”
उद्धव साहब की पार्टी ने अपने मुखपत्र में आगे लिखा, “गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्रयम्बकेश्वर में धूप-महाआरती मामले की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल की घोषणा की है, लेकिन इस जाँच की कोई जरूरत नहीं थी। जो त्रयम्बकेश्वर में हुआ ही नहीं, उसकी जाँच क्यों?”
पूर्व हिंदुत्ववादी पार्टी ने ‘सामना’ में आगे कहा, “यह सब उल्टा तरीका है। इससे भी गंभीर बात यह है कि राज्य के गृहमंत्री उतावलेपन में ऐसा करें। जाँच करनी है तो गोमूत्र का बैरल लेकर त्रयम्बकेश्वर में हंगामा मचाने वाले हिंदुत्व के उप-ठेकेदारों की करनी चाहिए।
इसका मतलब उद्धव साहब यह चाहते हैं कि हिंदू मंदिरों में वह गैर हिंदू घुसे जिन्हें ना तो सनातन धर्म में कोई आस्था है ना हिंदुओं की मूर्ति पूजा में कोई श्रद्धा, लेकिन फिर भी सांप्रदायिक सौहार्द के नाम पर इन लोगों के सामने उद्धव साहब सारे मंदिर खोल देना चाहते हैं पर उद्धव साहब को कोई बताए कि अगर इन्हें सामाजिक सौहार्द दिखाने का इतना ही शौक है तो जरा मस्जिदों में हिंदुओं की एंट्रियां खोलें उन्हें वहां हनुमान चालीसा या आरती करवाने के लिए अनुमति दिलवाए।