दूसरों की त्योहारों में दूसरों की खुशियों में शरीक होना तो दूर दूसरों को यानि गैर मुसलमानों को उनके त्योहारों की मुबारकबाद तक देना मुसलमानों के लिए हराम है।
दूसरे लोग मुसलमानों को ईद मुबारक कह सकते हैं, लेकिन मुसलमान दूसरों को होली मुबारक या दीपावली मुबारक नहीं कह सकते ऐसा करने पर होने वाला गुनाह माफी के काबिल भी नहीं है।
कोई रेप कर दें किसी बच्ची का रेप कर दे तो भी अल्लाह माफ कर सकता है किसी की हत्या कर दी तो भी अल्लाह माफ कर सकता है दुनिया का बड़े से बड़ा गुनाह अल्लाह माफ कर सकता है लेकिन सिर्क किया तो कोई माफी नहीं। अल्लाह साफ-साफ कहते हैं कि मैं हर गुनाहों को माफ कर दूंगा लेकिन सिर्क माफ नहीं करूंगा।
हैप्पी दिवाली कहना मर्डर करने और रेप करने से भी ज्यादा बड़ा गुनाह है
👉 मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना।
👆 इससे बड़ा मजाक भले दुनिया में कोई हो सकता है? थोड़ा सोचो समझो और हिंदू जाग जाओ
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