पश्चिम बंगाल से एक वीडियो सामने आया जिसमें कुछ आक्रोशित लोग पुलिस को पीटते नजर आए जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि दिनाजपुर में एक नाबालिक लड़की के बलात्कार और हत्या के कारण ग्रामीण उग्र हुए और उन्होंने पुलिस की पिटाई कर दी।
तू क्या यह मामला पुलिस की असफलता को नहीं दर्शाता? क्या यह गलती केवल उन लोगों की है जिन्होंने पुलिस पर हमला किया? हम उन लोगों का समर्थन नहीं करते जिन्होंने पुलिस पर हमला किया उनकी पिटाई की लेकिन यदि प्रशासन अपना काम पूर्ण निष्ठा से करें तो क्या जनता को ऐसा करने की आवश्यकता पड़ेगी?
बंगाल के मिदनापुर में जिहादियों द्वारा एक नाबालिक लड़की का बलात्कार किया गया उसे मौत के घाट उतार कर तालाब में फेंक दिया गया उसके बाद जब समाज ने पुलिस से न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उस नाबालिग के शो की भी दुर्गति की जो पूर्णता है असहनीय है👇 वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे पुलिस न्याय मांगने वाले प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चला रही है और मृतक नाबालिक के शव को सड़क पर घसीटा रही है।
इतना अन्याय होने के बाद भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कह दिया कि भाजपा बिहार से गुंडों को बुला कर ये सब करवा रही है। उन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाए जाने और पुलिस की पिटाई को गुंडागिरी करार देते हुए कहा कि नाबालिग लड़की के मामले के साथ-साथ इस मामले की भी जाँच चलेगी।
अगर कानून अपना काम ठीक से करें तो ना तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और ना ही आम जनता को इस प्रकार का कोई काम करना पड़ेगा जिससे कानून और संविधान का अपमान हो। जहां अपराधियों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए वहां यदि आम जनता पर कार्यवाही होगी तो कहीं ना कहीं किसी मोड़ पर आम जनता की सहनशीलता भी जवाब दे सकती है।
ममता बनर्जी ने कहा कि इससे पहले शव सौंपने के दौरान भी बंगाल पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी। उन्होंने ऐसा करने वालों की संपत्ति जब्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश पुलिस को दिया है। हालाँकि, कालियागंज में हुई लड़की के रेप-हत्या की घटना के संबंध में उन्होंने कहा कि वो इसे सुनियोजित नहीं बता सकतीं, लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ सब प्लान बना कर हुआ। उन्होंने पीड़िता के परिवार के साथ खड़े होने का भी दावा किया।
हिंसा की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जहाँ गुस्साए ग्रामीणों को कोने में दुबके हुए पुलिसकर्मियों की डंडे से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने थाने का भी घेराव किया। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने थाने में ही आग लगा दी। इससे पहले भी प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी थी। बता दें कि 17 वर्षीय किशोरी का शव शुक्रवार (21 अप्रैल, 2023) को मिला था।
एक वीडियो सामने आने के बाद लोग उग्र हो गए थे, जिसमें पुलिस को लड़की के शव को घसीटते हुए देखा जा सकता सकता है। पुलिस कह रही है कि किशोरी की मौत ज़हरीले पदार्थों के कारण हुई है। मृतका की माँ की शिकायत पर POCSO के तहत केस दर्ज किया गया है। शव घसीटे जाने की घटना के बाद 4 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे। अब TMC कह रही है कि भाजपा इस मामले को राजनीतिक रंग दे रही है। इससे पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का भी पता चलता है।