बड़े बड़े स्कूलों में बच्चों को भर्ती करा देने बस से काम नहीं होगा , अभिभावकों " खासकर हिन्दू अभिभावकों " को ये ध्यान देना होगा की स्कूल में बच्चों को क्या प्रार्थना करवाई जा रही है > क्या पढ़ाया जा रहा है ? कैसी एक्टिविटीज करवाई जा रही हैं , और यदि आप हिन्दू हैं तो अपने बच्चों को तिलक , कलावा के बिना कटाई स्कूल न भेजें.
घटना देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की है, देहरादून के चेतन बिहार में स्थित इस स्कूल का नाम ह "चैतन्य अकैडमी"। बताया जा रहा है कि यह स्कूल पहले ठीक चल रहा था किंतु अब इसको इस स्कूल को हैदराबाद का एक संस्थान चला रहा है।जबसे इस स्कूल की व्यवस्था नए हाथों में गई है तभी से यहां पर हिंदू विरोधी एजेंडा लागू कर दिया गया है। इस अवसर पर एक व्यक्ति ने बताया कि यहां पर मेरे बच्चे को कहा जा रहा है कि वह तिलक लगाकर स्कूल में ना आए और अपने सिर पर धारण की गई हमारे धर्म की निशानी चोटी/शिखा को भी कटवा दे।
24 अप्रैल 2023 को एक स्कूल में बहुत सारे बच्चों के अभिभावक और हिंदू संगठन पहुंच गए। इन सभी का आरोप था की इस स्कूल के द्वारा हिंदुओं के सभी त्योहारों जैसे होली दीपावली रक्षाबंधन इत्यादि पर पाबंदियां लगा दी गई हैं। अभिभावकों और हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस स्कूल में बच्चों को तिलक लगाकर आने की मनाही है। बच्चों के हाथ में बंधे हुए कलावे उतरवा दिए जाते हैं।
यह सब बातें तब सामने आईं जब हिंदुओं की सभी त्योहारों पर पाबंदी लगा देने वाले इस स्कूल ने ईद के मौके पर अपने स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को यह कहा कि ईद के दिन स्कूल में सफेद पजामा कुर्ता पहन कर आना है, और सिर पर गोल टोपी भी पहन कर आनी है। आरोप है कि ईद के दिन सकूल ने हिंदू बच्चों से कलमा पढ़वाया और नमाज भी पढ़वाई। देहरादून के श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल और गौतम इंटरनेशनल स्कूल में ईद के मौके पर घर से अपने साथ कोरमा लाने की भी बातें कहीं थी।
बताया जा रहा है कि ईद के मौके पर स्कूल पहुंचे बच्चों को स्कूल प्रबंधक ने नमाज पढ़ाई। इस के बाद अभिभावकों ने दोनों स्कूल प्रबंधकों की शिकायत पुलिस को दी और जमकर हंगामा किया। मामले को बढ़ता देख स्कूल से प्रिंसिपल वहां से फरार हो गए । इसके बाद सोमवार को एक बार फिर से स्कूल खुलने पर हिंदू वाहिनी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर पहुंचकर जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस बारे में राधा धोनी (मजार विध्वंसक) ने दोनों स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईद की छुट्टी के दिन बच्चों को स्कूल में सफेद कपड़े और मुस्लिम टोपी पहनने को बोला गया था और बच्चों को अपने साथ घर से कोरमा लाने का भी निर्देश दिया गया था। इससे पहले स्कूल प्रबंधकों ने स्कूल परिसर में होली के खेलने पर रोक लगाते हुए बच्चों को रंग न खेलने की हिदायत दी थी। उधर सकूल परबंधकों का कहना है की हमारे द्वारा किसी के भी धर्म का अपमान नहीं किया गया है।
उत्तराखंड को सदियों से देव भूमि कहा जाता है, परंतु पिछले कई सालों से ऐसे आरोप लग रहे हैं की देवभूमि कहे जाने वाली जाने वाले उत्तराखंड में सनातन विरोधी गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं । कभी श्री केदार घाटी के आसपास मांस और शराब की बिक्री जैसी खबरें आती हैं। इसके साथ ही देवभूमि में लव जिहाद की घटनाएं होना तो आम बात हो गई है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि उत्तराखंड मैं बहुत तेजी से सरकारी जमीनों पर कब्जा करके मजारें बनाई जा रही हैं। जिसके चर्चे सारे देश में हो रहे हैं। और अब तो स्कूलों से भी ऐसी डरावनी खबर आने लगी हैं जो हिन्दुओं के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर रही हैं