गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 42
आज का पंचांग
सोमवार,२५/०४/२०२३,
वैसाख शुक्ल पंचमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 09:39 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅दिनांक - 25 अप्रैल 2023
⛅दिन - मंगलवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - आर्द्रा 26 अप्रैल प्रातः 04:21 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅योग - अतिगण्ड सुबह 07:45 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅राहु काल - शाम 03:51 से 05:28 तक
⛅सूर्योदय - 06:11
⛅सूर्यास्त - 07:04
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:27 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:00 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - श्रीमद आद्य शंकराचार्य जयंती, श्री रामानुज जयंती
⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹ग्रहबाधा दूर करने का उपाय🔹
👉🏻 शनि, राहू-केतु आदि ग्रहों के दोष-निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को अपने हाथ से आटे की लोई गुड़सहित प्रेमपूर्वक किसी नंदी अथवा गाय को खिलायें । कैसी भी ग्रहबाधा हो, दूर हो जायेगी ।
🔹झगड़े शांत के लिए🔹
🌹पति-पत्नी के झगड़े ठीक होने के लिए और घर में सुख शांति के लिए उपाय।
मंत्र और नियम :
🌹1) मंत्र - खं कुछ दिन 10 माला प्रति दिन करे ।
🌹2) मंगलवार को हनुमान जी को लाल सिंदूर चढ़ाये ।
मंत्र - अं रां अं 1 माला करे ।
🔸गोभूमि में उगे बिटामिन 'वी-१२' युक्त औषधीय गुणों से भरपूर प्याज
🔹मोलेथा आश्रम (गुज. ) की गीशाला की पवित्र भूमि में पुण्यदायी नदियों में से एक नर्मदाजी के जल का उपयोग कर प्याज उगाये गये हैं । गोभूमि में उगे होने से इनमें विटामिन 'बी-१२' का भी प्रभाव है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हितकारी विटामिन है । गोभूमि में उगे, गौ - गोबर खाद व गोमूत्र से सींचे अन्न, फल, सब्जी आदि में स्वतः विटामिन 'बी-१२ का प्रभाव आ जाता है - ऐसा वैज्ञानिक खोज में पाया गया है ।
🔹प्याज के औपधीय गुण🔹
👉(१) यह वायु का शमन करता है तथा शक्ति, जठराग्नि व कफ बढ़ाता है ।
👉(२) इसके सेवन से भूख खुलती है तथा खाया हुआ सहज ही पच जाता है । भोजन के प्रति हुई अरुचि दूर होती है ।
👉(३) यह शरीरगत विजातीय द्रव्यों को बाहर निकालने में सहायक है ।
👉(४) यह कीटाणुनाशक है । इसमें कृमि एवं क्षय (टी.वी. ) आदिरोगों के कीटाणुओं को नष्ट करने का भी गुण है ।
👉(५) पुदीना मिला के बनायी प्याज की चटनी लू से रक्षा करती है ।
👉(६) प्याज नेत्र - विकारों व पाचन-संबंधी रोगों में लाभदायी है ।
👉(७) यह रक्त-संचार को नियमित करने में भी उपयोगी है ।
👉(८) हृदय-रोगों , लकवा (paralysis) व कैंसर से रक्षा करता है ।
👉(९) रक्ताल्पता (anaemia), रक्त-विकृति, प्लू, यकृत (Iiver) के विकार, मूत्रावरोध, मूत्राल्पता आदि में लाभदायी है ।
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