शास्त्रों में कहा गया है कि दान भी उचित दानपात्र को ही दिया जाना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य के इस बात को लोग अज्ञानतावश या भावनावश भुला देते हैं जिसके दुष्परिणाम उन्हें देखने पड़ते हैं आज की मलाड मुंबई से यह खबर इसी बात को पूर्णता सत्य प्रमाणित करती है।
रेलवे प्लेटफार्म पर भीख मांगने वाली मुस्लिम लड़की शबनम को दया करके एक महिला अपने घर लाई उसका 25 सालों तक पालन पोषण किया उसे काम दिया उसकी शादी भी करवाई और अंतत है शबनम ने अपनी असलियत दिखाते हुए उस महिला को अपने पति उमर और बेटे के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया।
अब पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के नाम मोहम्मद उमर इब्राहिम शेख, शबनम प्रवीन उर्फ मोहम्मद उमर शेख, मोहम्मद शहजाद उमर शेख हैं. मुख्य आरोपी मोलकारिन शबनम अनाथ है और 25 साल पहले रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती थी. डिकोस्टा का थाना क्षेत्र में प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता था। इस समय डिकोस्टा ने शबनम को देखा और अनाथ और विकलांग शबनम के लिए दया महसूस की। डिकोस्टा शबनम को अपने घर ले आई। उसे घर का काम दिया। उसका पालन पोषण किया। फिर शादी कर दी।
शबनम ने 25 वर्षों का रिश्ता भुलाकर पैसों के लिए षड्यंत्र रचा और मौका पाकर अपने शौहर और बच्चे के साथ मिलकर इस महिला को मार दिया जिसने उसे अच्छी जिंदगी दी
ऐसी घटना पूरे समाज में एक गलत संदेश देती है जिसके बाद लोग दूसरों की मदद करने से पहले भी 100 बार सोचेंगे
सावधान रहें जेहादियों से और पूर्ण बहिष्कार करें, है स्तर पर। भिखारी हो या नेता, सब्जीवाला हो या अभिनेता...