आज सुबह ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा जो रायपुर छत्तीसगढ़ का बताया जा रहा है जिसमें पुलिस वाले से इतनी बदतमीजी से बात की जा रही है कि देखने वाले हैरान रह जाएंगे और बेचारी पुलिस की लाचारी पर अफसोस करेंगे।
लेकिन ऐसे लोगों को इतनी हिम्मत मिली कहां से ये एक विचारणीय प्रश्न है? आखिर कैसे इन लोगों को पुलिस से जरा भी भय नहीं लगता और पुलिस को औकात दिखाने की बात करते हैं वो भी सबके सामने (बंद कमरों में तो क्या क्या होता है या हो सकता है वो अलग ही बात है). देखिए वीडियो 👇
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो न्यू संदेश के अनुसार: -
"👆रायपुर (छग) बैजनाथ पारा पास एक "मुस्लिम दुकानदार," पुलिस को धमकाते और गाली गलौच करते हुए क्योंकि यहां प्रदेश में सरकार इनके बाप की है, और शहर का मेयर इनके जमात का है !!! वर्दी वालो को खुलेआम धमकी ,पत्थरबाजी, आगजनी सामूहिक ब्लातकार हत्या इनके लिए आम बात सी लगती है!"
👉जैसा कि संदेश में लिखा है - विशेष समुदाय के लिए पत्थरबाजी करना आगजनी करना हत्या बलात्कार और पुलिस वालों को मारना भी अब बिल्कुल साधारण सी बात हो चुकी है इन्हें बिल्कुल कानून का भय नहीं रह गया है। हाल ही में रामनवमी उत्सव पर भी कई जगहों से खबरें आई थी कि कट्टरपंथियों ने पुलिस पर भी पथराव किया और पुलिस भी घायल हुई लेकिन इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि पुलिस इनसे ही पत्थर खाती है और इनका ही संरक्षण भी करती है जिस कारण इन्हें पुलिस का कोई भय नहीं रह गया और प्रताड़ित तो सदैव हिंदू होते ही हैं
पुलिस प्रशासन से हमारा यही निवेदन है कि ऐसी हरकतों को गंभीरता से लिया जाए और इन कट्टरपंथियों को रोका जाए अन्यथा भविष्य में ये पुलिस को कुछ नहीं समझेंगे और हर जगह जेहादी आतंक फैला होगा और इसके दुष्प्रभाव से ना कोई नेता बचेगा (चाहे वो किसी भी पार्टी का हो) ना पोलिस.. आम हिंदू का तो भूल ही जाओ