16 वर्षीय प्यारी स्कूली बच्ची अहाना की रविवार रात दिल्ली के AIIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे चाउमीन, बर्गर और अन्य फास्ट फूड खाने का बहुत शौक था। 30 नवंबर को उसे अचानक पेट में तेज़ दर्द की शिकायत हुई। परिजन उसे एक निजी अस्पताल लेकर गए, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आँतें में छेद हो गया है।
हालत गंभीर होने पर उसे AIIMS, दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।डॉक्टरों के अनुसार, उसकी मौत का कारण लगातार फास्ट फूड का सेवन बताया गया। यह घटना एक चेतावनी है पैरेंट्स के लिए। जो मां बाप, एवं अन्य परिजन अपने बच्चों से अच्छा प्रेम करते है वो तुरंत प्रभाव से उन्हें फास्ट फूड, पैक्ड फूड से दूर करने के प्रयास करेंगे
सेहत ही असली दौलत है, आज की तारीख में 80% भारतीय बैंकक्रपसी के दरवाजे पर खड़े हैं, क्योंकि अचानक से किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के होने पर उनके पास बैकअप आप्शन नही है, कोई कवर नही है, कोई इंश्योरेंस नही हैं। एक बार किसी हास्पीटल का चक्कर आर्थिक और मानसिक दोनो तरह से लोगों को खत्म कर रहा है।
इसलिए हेल्दी खान पान रखने की आदत बच्चों में डेवलप करें क्योंकि पुरानी कहानी है कि what monkey see, what monkey does... अर्थात बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं। अपने बच्चों को बाहर का खाना और फास्ट फूड बंद करें, उन्हे संयम में रखें। उनकी किचन स्कील डेवलप करें क्योंकि ये बेसिक ह्यूमन नीड है ताकि जो चीजें वो बाहर खाते हैं, उसे घर पर बना कर खा सके।
बच्चों के बचपन में उठाया गया ये कदम आपको हर आने वाले दुख से बचा सकता है।
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