कांग्रेस हिंदू विरोधी है ये कहने में अब किंचित भी असमंजस नहीं होना चाहिए क्योंकि लगातार कांग्रेस अपना सच दुनिया को दिखा रही है लेकिन शर्म की बात ये है कि हिंदू अपने देवी देवताओं, धर्म , परंपराओं के घोर अपमान को भी सहजता से पचा के रहे है.. ऐसा अपमान करने के बाद भी ये लोग खुलेआम शान से घूमते हैं... कांग्रेस रेड्डी ने एक बार फिर हिंदू आस्था को कुचला है..लेकिन कोई खास विरोध नहीं
क्या इस देश का कानून और संविधान इजाजत देता है हिन्दुओं की भावनाओं को खुलेआम आहत करने का? यदि नहीं तो ऐसे निर्लज्ज, बेशर्म नेताओं पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं होती? शायद इसका कारण हिंदुओं और हिंदू संगठनों की असक्रियता है जिस कारण कानून हिंदुओं के मामले में सो जाता है। इस निर्लज्ज रेडी ने जो कहा वो हिंदुओं के लिए डूब मरने से कम नहीं लेकिन हिंदू शांत हैं.."नपुंशक कौन और अर्थ..."। ऐसी पार्टी का समर्थन करने वाले हिंदू क्या धर्मद्रोहि, गद्दार कहने योग्य नहीं..?
एक कार्यक्रम में रेड्डी ने कहा, “हिंदू कितने भगवानों को मानते हैं? तीन करोड़ हैं? इतने सारे क्यों हैं? जो लोग अविवाहित हैं उनके लिए एक भगवान हैं………..हनुमान। जो लोग दो बार शादी करते हैं उनके लिए एक अलग भगवान हैं और जो लोग शराब पीते हैं उनके लिए एक अलग भगवान हैं। मुर्गी की बलि के लिए एक अलग…. दाल और चावल के लिए एक है। हर ग्रुप का अपना भगवान है।”

