Thiruparankundram मंदिर में स्टालिन सरकार द्वारा हिंदुओं को कार्तिगई दीपम मनाने से रोके जाने से आहत हिंदू ने किया ‘आत्मदाह’। कोठारी बंधुओं से लेकर तमिलनाडु के पूर्ण चंद्रन तक; आखिर कब तक अपने मंदिरों में पूजा के अधिकार के लिए जान गंवाता रहेगा हिन्दू? पूछ रहे हैं
सवाल ये भी उठता है की जब कोर्ट ने आदेश दे दिया तो पुलिस ने किसके आदेश पर कार्यवाही की? क्या पुलिस कोर्ट, कानून से अधिक सरकार की सुनेगी? यानि नेताओं की गुलामी करेंगी? आखिर लगातार तीसरी बार जो सरकार देश की सत्ता में राज कर रही है वो ऐसे मामलों में कुछ नहीं करेंगी?

