भले ही मुसलमान को कोई कुछ भी समझे लेकिन काम के प्रति जो इनका समर्पण है जो उनकी एकता है वह सबको सीखनी चाहिए खासकर हिंदुओं को
हिंदुओं की इतनी भीड़ केवल कुछ धार्मिक आयोजनों पर ही मिलेगी लेकिन उसे भीड़ का भी अपना अपना अलग ही उद्देश्य होता है धर्म और राष्ट्र के लिए शायद ही कभी हिंदू एकजुट होकर इस प्रकार की अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर पाए.....