आतंक का मजहब अब समझना बहुत ही आसान हो गया है क्योंकि खुद एक मुस्लिम ने सुप्रीम कोर्ट में ISIS जैसे आतंकी संगठन को इस्लामिक मजहबी संगठन माना है और आप देखेंगे कि बात बात पर सर तन से जुदा को बात करने वाले मुसलमानों ने उसका विरोध भी नहीं किया यानि ISIS के मजहबी संगठन होने की मूक सहमति दे रहे है... क्या अब भी आतंक का मजहब समझ नहीं आएगा।
ISIS आतंकवादी संगठन नहीं है खिलाफत और हमारे इस्लाम धर्म के प्रचार प्रसार से जुड़ा संगठन है. इसे आतंकवादी संगठन बताकर प्रतिबन्ध लगाना संविधान के अनुच्छेद 25 (धर्म के प्रचार प्रसार के स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है. इस दलील के साथ सुप्रीमकोर्ट में आतंकवादी संगठन ISIS पर प्रतिबन्ध का विरोध करनेवाले मोहम्मद साकिब की याचिका को सुप्रीमकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.
मज़हब ही आतंकवाद है और मजहबी आतंकवादी ????