सच्चाई सामने👉दो मुस्लिम आतंकवादी, हत्या, लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम देते समय हिंदू नामों के पीछे छिपे हुए थे। ये ही राघवेंद्र बाजपेयी के हत्यारे थे — और अब इनका सफाया कर दिया गया है। अगर कोई व्यक्ति तिवारी, मिश्रा, पांडे या ऐसे किसी हिंदू उपनाम के साथ आतंकवादी मानसिकता रखता है — तो समझ लीजिए वह केवल टोपी के पीछे छिपा चेहरा है। 🩸
ये मानसिकता केवल समाज में आतंक फैलाती ही नहीं अपितु अपना फैलाया हुआ आतंक हिंदुओं के माथे मढ़ने का काम भी करती है। यही खेल है जिस कारण आपने अनेकों बार देखा होगा कि कुछ हिंदुओं को आतंकी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है और हिंदुओं को आतंकी घोषित करने का प्रयास किया जाता है... जैसे कसाब तो याद होगा ही आपको... एक मुसलमान हिंदू आइडेंटिटी के आग आतंक फैला रहा था