कन्हैयालाल एक हिन्दू जिसे ना कानून से अब तक न्याय मिला और ना ही जनता के पास उसकी आवाज़ पाहूँचने दी जा रही है. जेहादियों द्वारा खुलेआम जिसकी ह्त्या की गयी और वीडियो मे चाकू लहराते हुए जेहादियों ने इस हत्या को कुबूल किया उस सच्चाई को दिखाने हेतु बनी फ़िल्म को ठीक रिलीज़ के एक दिन पहले कोर्ट ने रोक दिया... अब आप सोचिये निर्माता का कितना नुक्सान होगा... क्या आगे कोई ऐसी फिल्मे बनाने की हिम्मत दिखायेगा? वाह रे मेरे देश के कानून एक तबके की पीड़ा बड़ी गहराई से दिख जाती है लेकिन बंटवारे से लेकर अब तक हर बार जिन हिन्दुओं के साथ अनवरत छल हुए उनकी पीड़ा किसी को नहीं दिखती.
यही है हिंदुस्तान मे कथित 80% हिन्दुओं की औकात.. वो ना तो अपने धर्म के विरुद्ध बनी फिल्मों को रुकवा पाते है और ना ही जेहादी सच्चाई दिखाने वाली फिल्मों को रिलीज़ करवा पाते हैँ. ना कानून उनके लिये है ना सरकार... बाकि खुद तो जाती, भाषा, क्षेत्र मे बंटे हुए ही हैँ. फ़िल्म का रुकना हिन्दू समाज की हार है....