उपराष्ट्रपति धनखड़ जी की मार्च में हार्ट अटैक ओर एंजियोप्लास्टी हुई थी.25 जून को कुमाऊँ विश्वविद्यालय में वो फिर से बेहोश होकर गिर पड़े।17 जुलाई को जगदीप धनखड़ जी वाटिका में दिल्ली सरकार का एक प्रोग्राम अटेंड करने गए, जब वह अचानक गिर गए. ऐसे में तबियत का मुद्दा बना कर इस्तीफ़ा देने में कोई बड़ी बात नहीं लगती.... क्यूंकि इस पद के कारण उनके Engagements बहुत होंगे, यात्रा आदि लगातार करनी होती होंगी..... ऐसे में यदि फिर तबियत बिगड़ी तो उसके बुरे परिणाम भी हो सकते हैं.
हो सकता है परिवार और डॉक्टरों ने कहा हो अब बस कीजिए। चिंता में वह दुबले वो हुए जा रहे हैं जिन्होंने उपराष्ट्रपति जी का प्रतिदिन अपमान किया हो क्योंकि उपराष्ट्रपति जी कॉलेजियम का, भ्रष्ट जजों का और सदन को न चलने देने पर विपक्ष का मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे। बीमारी की खबर होने के बाद पूर्ण स्वस्थ कहने वाले मीडिया के लोग देश के साथ धोखा देने वाले गद्दार है कांग्रेस उपराष्ट्रपति जी के कंधे से निशाना लगाना चाह रही है. अबे जमूरों कम से कम मुद्दा तो ठीक से उठाया करो.