प्रयागराज में कुछ (जातिवादी नवबौद्ध ) लोग बवाल कर रहे थे आतंक फैला रहे थे .. पुलिस कर्मियों को मारने, पीटने, घायल करने, सैकड़ों वाहनों को तोड़ने के लिए इनको हिरासत में लिया गया है .. नुक़सान की भरपाई इनसे कार्रवाई जाएगी .. अब जब कार्यवाही हो रही है तो इनके बचाव में कुछ नवबौद्ध तो आते नजर आ रहे है लेकिन इनका बड़ा नेता रावण इन्हें अपना कार्यकर्ता तक मानने से इनकार कर चुका है
समझने वाली बात केवल इतनी है कि रावण जैसे नेताओं के चक्कर में आकर कुछ लोग भूल जाते हैं कि वह संविधान के और कानून के विरुद्ध जा रहे हैं तथा उनकी जिंदगी बर्बाद हो सकती है और वही हुआ। हम हमारे दलित बंधुओ से बस इतना ही कहना चाहेंगे के कथित दलित नेता केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए आपका प्रयोग कर रहे हैं आपको अपने ही धर्म से लड़ने और अपनी ही जड़ों को काटने के लिए प्रेरित कर रहे है... थोड़ा समझने का प्रयास करें और इन नेताओं के जाल में फंसने से बचें