आजकल अनेकों लोगों को बड़ी आसानी से साधु संतों को ज्ञान देते सुना है, लोग कहते हैं कि साधु, संत, मठाधीश कुछ करते नहीं...लेकिन क्या एक जो कहते हैं उसका अनुशरण हम करते हैं? संतों का काम मार्ग दिखाना होता है और वो वही काम कर रहे है लेकिन हम उनके दिखाए मार्ग कर चलते नहीं उल्टा उन्हें ही दोष देते है...सुनिए क्या कह रहे है महाराज.. और अनुशरण कीजिए तो सुखी रहेंगे
संतों का काम मार्ग दिखाना है... लेकिन क्या आजकल लोग संतों के बताए मार्ग पर चल रहे है.. ...?

