हिंदू लड़कियों का बलात्कार एक मानसिकता द्वारा शबाब अर्थात पुण्य मानकर किया जाता है और गर्व से वो इस बात को स्वीकार भी करते है लेकिन फिर भी कुछ जाहिल किस्म के हिंदू ऐसी घटिया मानसिकता के साथ भाईचारा निभाने को बातें करते हैं.... "हो सकता है वो भी बलात्कार के समर्थक हो"। फरहान जैसे अनगिनत जेहादी हमारे समाज में शबाब का काम करने के लिए घूम रहे है और वो अपना काम कर भी रहे है, पूरे देश में हिंदू बच्चियों इन जेहादियों की शिकार हो रही है लेकिन हिंदू सुधरने को तैयार नहीं।
जेहादी वो कर रहे है जो उन्हें करने के लिए सिखाया जाता है, लेकिन हिंदू क्यों मूर्खता दिखाते हुए ऐसी मानसिकता को पहचानने से इनकार कर रहे है, ऐसी घटिया मानसिकता में भाईचारा खोज रहे हैं। ये घिनौना सच जानने के बाद भी कोई हिंदू बहन ,बेटी इनसे दूसरी करती है, कोई हिंदू इनसे भाईचारा निभाता है तो वो खुद हो हर परिणाम को दोषी है...