वो समझ नहीं पा रहे हैं यह आदमी पिछले 25 सालों में एक चुनाव नहीं हारा है, 125 साल पुरानी कांग्रेस को घुटने पर ला चुका है, लगातार तीसरे चुनाव में वोटबैंक की सारी हैकड़ी निकाल चुका है, कोई नेता साल में एक बड़ा फैसला ले ले तो भी बड़ी बात होती है, यह आदमी एक महीने में वक्फ बिल लाकर दादागिरी वालों की दादागिरी निकाल चुका है, जातिजनगणना लाकर अपने कोर वोटबैंक को हिला चुका है
अब पाकिस्तान में जाकर बम मार चुका है, और यह सब सिर्फ एक महीने में किया है। यह नेहरू नहीं है जो जीती हुई लड़ाई को छोड़कर यूएन चला जाए। यह शास्त्री नहीं है जो प्रपंच रच कर ताशकंद में शिकार बना लिया जाए। यह इंदिरा नहीं है जो सब कुछ जीत कर शिमला समझौते के नाम पर सब छोड़ दे। यह वाजपयी नहीं है जो इंटरनेशनल बॉर्डर पार करने से मना कर दे।
पानी रोकने का काम भारत ने युद्ध में भी नहीं किया। 160 लोग मरने पर भी मुंबई हमलों का बदला नहीं लिया। तो सोचिए, 26 लोगों की हत्या करने पर पाकिस्तान के शहरों पर मिसाइलें मारने वाला आदमी कैसा होगा। 10 साल पहले तक भारत पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय लगभग बराबर थी, और आज भारत पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय में लगभग दोगुने का अंतर है. यह अपने आप तो नहीं हुआ।
राफेल, S400 समेत कितने हथियारों के नाम हम सुन रहे हैं या तो पिछले 10 साल में हमने बनाए हैं या खरीदे हैंं।अगर पाकिस्तान सीधे तौर पर युद्ध में आगे बढ़ा तो मोदी मारेगा कम घसीटेगा ज्यादा। जो कब्जा लिया एक इंच जमीन वापस भी नहीं देने का. और अगर चुप होकर बैठ गया तो भी मोदी पाकिस्तान को नहीं छोड़ेगा।इन्हें मालूम नहीं है यह किससे लड़ रहे हैं, लेकिन बहुत जल्दी पता चल जाएगा।