पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, वहां सैकड़ों मुस्लिम बच्चों के नाम पर जन्म प्रमाणपत्र जारी होना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि ये स्पष्ट रूप से घुसपैठ को संरक्षण देने की साजिश है।झारखंड-बंगाल सीमा से सटे इस संवेदनशील इलाके में इस तरह की लापरवाही या मिलीभगत — दोनों ही राज्य की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के जरिए घुसपैठियों को भारत का नागरिक बनाना और फिर उन्हें वोटर कार्ड, आधार, पासपोर्ट दिलवाना — यही है झामुमो-कांग्रेस सरकार की नीति !इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।वरना जनता समझ जाएगी कि यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि वोट बैंक के लिए देश की सुरक्षा को गिरवी रखने की तैयारी है।
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