कांग्रेस समेत सारा विपक्ष इस समय घटना की निंदा तो कर रहा है लेकिन इस घटना के मुख्य बिंदु "धर्म पूछकर गोली मारना" इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं कर रहा, ये पूरा toolkit अब लग गया है जेहादियों को मानसिकता को उजागर होने से रोकने में, ये लग गया है हिंदुओं को ये बताने में की भाईचारा बनाए रखो ये हमला भाईचारा मिटाने के लिए है.. और कुछ मूर्ख हिंदू इनकी बातों में अब भी आ जाएंगे
हिंदुओं आखिर कितनी बार इस toolkit के शिकार बनोगे? कब तक सच सामने आने के बाद भी सच से विमुख होते फिरोगे? जब तक इस सच को नहीं समझोगे की भाईचारा केवल हिंदुओं को चारा बनाने के लिए है और जेहादियों के लिए हिंदू केवल काफिर हैं जिन्हें मौका मिलते ही .....! तब तक इस तरह के हमले होते रहेंगे और मारने वाले हर बार होंगे बस "हिंदू"...