आप पत्रकार हों या सरकारी अधिकारी या कोई वकील, जज ,पुलिस एक मानसिकता इन पर हमले कर चुकी है। ये खुदको शांतिप्रिय कहलवाना पसंद करते हैं, ये भाईचारा का लॉलीपॉप बंटवाना पसंद करते हैं लेकिन यदि कोई सच बोलने का प्रयास भी करे तो ये घेर कर मौत का मंजर दिखा देते है .. देखिए कैसे चित्र त्रिपाठी एक बड़ी रिपोर्टर पुलिस के सहारे अपने आप को बचा पाई...
जो मीडिया वाले ये नहीं बता रहे कि धर्म पूछकर हिंदुओं को मुस्लिम आतंकियों ने मारा वो अच्छे है लेकिन यदि किसी ने ये सच बोल दिया कि धर्म पूछकर आतंकियों ने हिंदुओं को मारा तो वो तुरंत गोदी मीडिया हो जाता है, तनाव फैलाने वाले हो जाता है देश का सौहार्द्य बिगड़ने वाला हो जाता है। लेकिन आखिर कब तक झूठ चलेगा? आखिर कब तक हिंदू मरता रहेगा? हिंदुओं जागो, सच को पहचानो और जेहादियों तरह उनके 1 - 1 समर्थक का बहिष्कार करो... पूर्ण बहिष्कार