ये संदेश हर सनातन प्रेमी को पढ़ना और फिर इसपर विचार करना चाहिए। हमारा कोई भी पर्व क्यों न हो वो वास्तव में काफी विकृत हो चुका है और यही कारण है कि आज कोई भी 2 टके का व्यक्ति हमारे त्योंहारों पर आपत्ति खड़ी करता है और हमें ज्ञान देता है। लेकिन क्या हम ये मान ले कि जो हमारे त्योंहार की कमियां कुछ लोगों द्वारा गिनाई जा रही है वो हैं ही नहीं?? नहीं ! कमियां हैं और अब समय है कि हम अधर्मियों को काउंटर करने के साथ साथ अपनी कमियों को भी दुरुस्त करें
होली महापर्व तो वास्तव में पर्यावरण के लिए और हमारे जीवन के लिए भी जरूरी है यदि इसे सही परंपरागत तरीके से मनाया जाए तो। होलिका दहन एक बड़े हवन की भूमिका निभाते हुए पर्यावरण की शुद्धि करेगा और सही रंगों आदि के प्रयोग से हमारे शरीर को भी उसका काफी लाभ होगा लेकिन दुर्भाग्य की दूषित लोगों के एजेंडों से प्रभावित होकर आज होलिका दहन के नाम पर केवल फॉर्मेलिटी की जाती है और वास्तव में प्रदूषण फैलाया जाता है, वहीं रंगोत्सव में सस्ते और घटिया रंगों के प्रयोग से शरीर को तथा पर्यावरण को हानि पहुंचाई जा रही है । ऐसे में होली मनाना खराब है ये कहना उचित नहीं बल्कि कुछ सुधार करके ओर अधिक उल्हास के साथ होली मनानी चाहिए तथा धर्म द्रोहियों का मुंह बंद करना चाहिए!
होलिका दहन
होलिका दहन कोई साधारण प्रक्रिया नहीं अपितु एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक कृत्य है जिसके माध्यम से पर्यावरण में उपस्थित जीवाणुओं का नाश किया जा सकता है और बड़े पैमाने पर पर्यावरण का शुद्धिकरण हो सकता है बस हमें देखना होगा कि होलिका दहन में गौ कंडे अथवा गौ काष्ठ, शुद्ध भीमसेनी कपूर, शुद्ध देशी गौमाता का घी , लोग तथा शुद्ध हवन सामग्री का प्रयोग किया जाय। यदि इस प्रकार होलिका दहन किया जाय तो एक बड़ा यज्ञ संपन्न होगा और शुद्धिकरण होगा जिससे जीवाणुओं का नाश होगा और बीमारियों का भी नाश होगा
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रंगोत्सव
रंगोत्सव हर्षोल्लास का त्योंहार है इसे जमकर मनाना चाहिए , पणिक बार में सोचना है तो पूरे साल सोचना चाहिए लेकिन इस दिन पानी बचाने की ज्यादा चेष्टा नहीं करनी चाहिए। बस एक बात खास ध्यान देनी है कि जिन रंगों का प्रयोग किया जाय वो पूरी तरह रसायन मुक्त , नेचुरल हों और ऐसे रंग मिलना इतना कठिन भी नहीं, अनेकों गौ भक्त ऐसे रंग बड़ी आसानी से कम कीमत पर तैयार कर देश भर में भिजवा रहे हैं । प्रशासक समिति के प्रकल्प एकात्मिता गौमय उत्पाद द्वारा भी इस वर्ष शुद्ध, सात्विक जेहादमुक्त ऑर्गेनिक रंग देश भर में पहुंचाए गए।
आइए हम अपने हर त्योंहार को उसके पारंपरिक वैदिक स्वरूप में मनाने का प्रयास करें।