क्या आपको पता है ❓ गृह प्रवेश पूजा विधि (गृह प्रवेश समारोह या गृह प्रवेश पूजा) हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जब आप किसी नए घर में जाते हैं या किसी मौजूदा घर का नवीनीकरण करते हैं।
इस समारोह का उद्देश्य घर में समृद्धि, शांति और सद्भाव को आमंत्रित करना और नए घर में शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन के लिए भगवान गणेश, लक्ष्मी और अन्य देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना है।
गृह प्रवेश पूजा की विधि (चरण-दर-चरण प्रक्रिया):
1. पूजा की तैयारी (पूजा के लिए तैयारी):
सफाई: सुनिश्चित करें कि नया घर या पूजा के लिए जगह साफ और ठीक से व्यवस्थित हो।
पूजा सामग्री (आवश्यक वस्तुएँ):
कलश (पवित्र जल पात्र)
आम के पत्ते
ताज़े फल और फूल
चावल (अक्षत)
घी (शुद्ध मक्खन)
अगरबत्ती
दीपक
पंचामृत (दूध, शहद, घी, दही और चीनी का मिश्रण)
मिठाई
नारियल
चाँदी या ताँबे के सिक्के
भगवान गणेश, लक्ष्मी और अन्य पसंदीदा देवताओं की तस्वीर या मूर्ति,पानी के लिए पीतल या ताँबे का बर्तन।
2. पंडित या पुजारी का आगमन:
पुजारी का स्वागत करें: पुजारी (पंडित) का सम्मानपूर्वक स्वागत किया जाना चाहिए। पुजारी परंपराओं के अनुसार समारोह का मार्गदर्शन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी अनुष्ठानों का पालन किया जाए।
3. गणेश पूजा (गणेश पूजा):
नए घर में प्रवेश करने से पहले, सभी बाधाओं को दूर करने और समृद्धि लाने के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
गणेश मंत्र का जाप करें:
ॐ गं गणपतये नमः (ओम गं गणपतये नमः)
भगवान गणेश को फूल, मिठाई और नारियल चढ़ाएं।
4. वास्तु पूजन (वास्तु पूजा):
इस चरण में वास्तु पुरुष, दिशाओं के देवता और घर के संरक्षक की पूजा करना शामिल है।
कलश (पानी से भरा बर्तन) घर के केंद्र में रखा जाता है, और इसके चारों ओर आम के पत्ते रखे जाते हैं।
पुजारी वास्तु मंत्रों का पाठ कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि घर सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा हुआ है।
5. अग्नि पूजन (अग्नि पूजा - अग्नि अनुष्ठान):
तांबे या मिट्टी के बर्तन में पवित्र अग्नि (हवन) जलाएं।
अग्नि मंत्र का जाप करते हुए अग्नि में घी, चावल और अन्य चीजें चढ़ाएं और भगवान अग्नि (अग्नि के देवता) का आह्वान करें, पवित्रता, स्वास्थ्य और कल्याण का आशीर्वाद मांगें।
यह नए घर को शुद्ध करने और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए किया जाता है।
6. लक्ष्मी पूजन: गणेश और वास्तु पूजा के बाद, घर में समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दीया जलाएं और देवी लक्ष्मी को पंचामृत अर्पित करें और मंत्रोच्चार करें: ॐ श्रीं महालक्ष्मी नमः आप उन्हें मिठाई, फल और फूल भी चढ़ा सकते हैं।
7. गृह प्रवेश: पूजा अनुष्ठान पूरा होने के बाद, परिवार के मुख्य सदस्य नए घर में प्रवेश करते हैं, आमतौर पर दाहिने पैर से शुरू करते हैं। प्रवेश करते समय, चावल और पानी से भरा कलश दरवाजे पर समृद्धि और कल्याण के प्रतीक के रूप में रखा जाना चाहिए। पुजारी घर के चारों ओर शुद्धिकरण के लिए पवित्र जल और गुलाब जल छिड़क सकते हैं।
8. प्रार्थना और आशीर्वाद: परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठना चाहिए और नए घर में परिवार की भलाई, स्वास्थ्य और सफलता के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। पुजारी अपना आशीर्वाद देंगे और परिवार की परंपराओं या प्राथमिकताओं के अनुसार अतिरिक्त अनुष्ठान भी कर सकते हैं।
9. भोजन और मिठाई चढ़ाएँ:
समारोह के अंत में, सौभाग्य के प्रतीक के रूप में परिवार के सदस्यों और मेहमानों के बीच मिठाई और प्रसाद (आशीर्वादित भोजन) वितरित करें।
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें:
समय: गृह प्रवेश आदर्श रूप से शुभ समय (मुहूर्त) के दौरान किया जाना चाहिए, जिसे आमतौर पर ग्रहों की स्थिति के आधार पर हिंदू पंचांग के माध्यम से परामर्श किया जाता है।
पहला प्रवेश: जब कोई परिवार पहली बार घर में प्रवेश करता है, तो घर की महिला के लिए सबसे पहले हाथ में कलश (बर्तन) लेकर प्रवेश करना आदर्श होता है, जो समृद्धि का प्रतीक है।
दान और दान: आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान के हिस्से के रूप में पुजारी, गरीब लोगों या किसी धार्मिक संगठन को थोड़ी मात्रा में धन या अनाज दान करने की प्रथा है।
जय श्री राम! 🙏🚩
यदि आप गृह प्रवेश कर रहें हैं तो आपके लिए नए घर में शांति, समृद्धि और खुशियाँ लेकर आए!
🌺श्री हरि ॐ नमो नारायण 🌺