महाकुंभ में पैदल चलने के नैरेटिव से भयभीत होने की आवश्यकता नही 🤔
कैलाश मानसरोवर यात्रा में परिक्रमा पथ 52 KM का है.बाबा अमरनाथ 45 KM की चढ़ाई है. केदारनाथ 16 KM की चढ़ाई है. वैष्णो देवी 14 KM की चढ़ाई है.वृन्दावन परिक्रमा 15 KM की है.गोवर्धन परिक्रमा 21 KM की है.बृज चौरासी कोस परिक्रमा तो 252 KM की है.
लाखों करोड़ों श्रद्धालु हर साल जाते हैं इन तीर्थ स्थानों पर...... लेकिन कोई नहीं रोता कि हाय इतना चल लिए.. हाय ये हो गया... हाय पैर टूट गए.प्रयागराज जैसे मध्यम स्तर के शहर में कुछ ही घंटो के अंतराल में करोड़ों लोगों को सीधे त्रिवेणी में उतार कर स्नान दुनिया का कोई प्रशासन नहीं करा सकता.
आपको पुण्य भी लेना है और 5,7,8,10 किलोमीटर पैदल भी नहीं चलना तो फिर प्रयागराज पर अहसान करने क्यों जा रहे हो भइया... घर में ही नहाओ और ऑनलाइन संगम के दर्शन करो.पुण्य चाहिए तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी.... और प्रयागराज तीर्थ तो वैसे भी सबसे सुलभ है.... ना पहाड़ चढने हैं, ना कड़कती ठण्ड में शरीर गलाना है, ना सांस की दिक्क़त होगी.
श्रद्धालु शिकायत नहीं करते.... पर्यटक करते हैं. श्रद्धालु बन कर आइये...आनंद ही आनंद होगा
हर हर मां गंगे
☺️💐🙏🏻
तो फिर लग्जरी टेंट, वीवीआईपी पास, स्पेशल घाटों का उपयोग करने वाले श्रद्धालु थे या पर्यटक...?
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