कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। यह मेला चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाता है: हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक।अर्ध कुंभ मेला अर्ध कुंभ मेला कुंभ मेले के बीच में आयोजित किया जाता है, यानी हर 6 वर्ष में। यह मेला भी चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाता है: हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक।पूर्ण कुंभ मेला
पूर्ण कुंभ मेला हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है, जब बृहस्पति और सूर्य कुंभ राशि में होते हैं। यह मेला बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।महा कुंभ मेला महा कुंभ मेला हर 144 वर्ष में आयोजित किया जाता है, जब बृहस्पति और सूर्य कुंभ राशि में होते हैं और चंद्रमा भी कुंभ राशि में होता है। यह मेला बहुत ही दुर्लभ और महत्वपूर्ण माना जाता है और इसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।इन बातों से यह स्पष्ट होता है कि कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महा कुंभ में अंतर होता है, जो उनके आयोजन की आवृत्ति और महत्व पर आधारित होता है।महाकुंभ 2025 की जानकारी इस प्रकार है:
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में किया जाएगा। यह आयोजन 29 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 08 मार्च 2025 तक चलेगा ।महाकुंभ मेले की तिथि ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर तय होती है। इसमें सूर्य और बृहस्पति (गुरु) ग्रहों की स्थिति का विशेष महत्व है ।महाकुंभ 2025 के दौरान शाही स्नान की तिथियां इस प्रकार हैं:- 13 जनवरी: पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 03 फरवरी: वसंत पंचमी
- 04 फरवरी: अचला सप्तमी
- 12 फरवरी: माघ पूर्णिमा
- 08 मार्च: महाशिवरात्रिमहाकुंभ मेले का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह मेला प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है और इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं जय हो सत्य सनातन 🚩
पूर्ण कुंभ के बारे में तो कुछ नहीं बताया आपने, सिर्फ अर्ध कुंभ, कुंभ और महाकुंभ के बारे में ही बताया है, और अर्द्ध कुंभ 4 जगह पर नहीं सिर्फ दो ही जगह पर लगता है हरिद्वार और प्रयागराज
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