ग्लैमर, फैशन, आदि आदि के नाम पर लगातार समाज में केवल आए केवल गंदगी का ढेर लगाया जा रहा है और और दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत का कानून, प्रशासन ये सब रोकने में पूरी तरह विफल है। ऐसे में समाज की जिम्मेदारी है कि वो खुदको गंदा होने से बचाए, वो अपनी आने वाली पीढ़ियां के लिए एक साफ सुथरे समाज का निर्माण करे लेकिन शायद समाज भी गहरी नींद में है जिसका भयानक भुगतान आने वाली पीढ़ियों को करना पड़ेगा
क्या मुंबई समेत पूरे देश में फैशन के नाम पर इस तरह की अश्लीलता को बढ़ावा दिया जाएगा . यह फैशन नही, एक महिला का पागलपन है. शरीर को ऑब्जेक्ट बना रही है. जबकि फैशन में मुख्य ऑब्जेक्ट कपड़ा होता है. समाज में यदि समय रहते इस अश्लील मानसिकता का विरोध नहीं किया तो यह अश्लीलता लगातार नए आयाम बनाएगी और हमें ऐसा गंदा तथा घटिया समाज देखने मिलेगा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।