क्या आप जानते हैं भारत के इस महान योद्धा महाराज ललितादित्या के बारे में... नहीं ! तो आइए इनके बार में थोड़ी सी जानकारी वीडियो से जानें और शेयर कर इसे आगे बढ़ाएं
वीडियो देखकर यदि इनके बारे में जानने की जिज्ञासा हुई है तो पढ़िए पूरा आर्टिकल और शेयर कीजिए
कश्मीर के हिन्दू राजाओं में ललितादित्य मुक्तापीड (शासनकाल 724 ई से 770 ईस्वी के बीच) सबसे प्रसिद्ध राजा हुए। वे कार्कोट राजवंश के राजा था। कार्कोट राजवंश का शासनकाल 625 से 885 ईस्वी के बीच रहा।
ललितादित्य ने अरबों, तिब्बतियों, कम्बोजों एवं तुर्को को पराजित किया था। उनके साम्राज्य का विस्तार उन्होंने काराकोरम पर्वत श्रेणियों के पार तिब्बत के पठार से आगे चीन तक और पश्चिम में कैस्पियन सागर कर लिया था। उनका शासन उत्तर-पश्चिम में तुर्किस्तान और उत्तर-पूर्व में तिब्बत तक फैला था।
ललितादित्य ने एक ओर जहां अरब के मुस्लिम आक्रमण को दबाया वहीं उन्होंने तिब्बत की सेना को भी पीछे धकेल दिया था। उन्होंने कश्मीर पर आक्रमण करने वाले अरब हमलावरों के खिलाफ चार युद्ध लड़े और चारों बार उन्हें खदेड़ दिया।
कहते हैं कि तुर्कों ने अपने दोनों हाथों को अपनी पीठ के पीछे बांधकर और सिर झुका कर ललितादित्य का स्वागत किया था। यह बात किताबों में कम ही बताई जाती है क्योंकि बाद में तुर्कों ने ही भारत पर आक्रमण करने भारत के बड़े भू भाग पर कब्जा कर लिया था।
भारत में उनके साम्राज्य का विस्तार पूर्व में बंगाल और उड़ीसा, दक्षिण में कोंकण तक फैला था। उन्होंने सम्राट हर्षवर्धन के उत्तराधिकारी कन्नौज के राजा यशोवर्मन को हराने के बाद उसके दरबारी संस्कृत कवियों भवभूति और वाक्पतिराज को ललितादित्य ने कश्मीर बुलाकर अपने दरबार में स्थान दिया था।
कहते हैं कि ललितादित्य ने जालंधर, लाहौर और अन्य छोटे प्रांतों को अपने अधीनस्थों को दे दिया था।
सूर्यवंशी सम्राट ललित आदित्य ने कई प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण भी करवाया था जिसमें सूर्य भगवान को समर्पित मार्तंड मंदिर प्रसिद्ध है। ललितादित्य ने कई बौद्ध विहारों की स्थापना भी की थी। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के खेराबल गांव में मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहर आज भी मौजूद हैं।
ललितादित्य ने कई गांव, कस्बे और शहरों का निर्माण भी करवाया था। जैसे सुनिश्चितपुर, दर्जितपुर, फलपुरा, पर्णोत्सर्ग, ललितपुरा, हुशकापुरा आदि।
Jai shree Ram 🙏
ReplyDeleteJay Shri Ram
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