जैसे ही महाराष्ट्र के चुनाव के नतीजे आए एक खबर उड़ी की महाराष्ट्र सरकार ने waqf board को 10 करोड़ आवंटित किए और इस खबर को लेकर विरोधी तो विरोधी समर्थक भी अधीर हो गए और भाजपा को घेरने लगे, भाजपा को धोखेबाज बताने लगे लेकिन जब इसकी सच्चाई बाहर आई तो सब चुप हो गए। हम बार बार कहते हैं कि खबरों को परखे बिना अधीर होकर "मूर्खों की भाटी" प्रतिक्रिया कर विरोधियों के पिट्ठू ना बनें...
उपरोक्त खबर पर @Bjp4Maharashtra ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर प्रशासन ने GR रद्द कर दिया है।" यह फर्जी खबर प्रचलित है कि भाजपा-महायुतिया सरकार ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को तुरंत 10 करोड़ रुपये का फंड दिया है. प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों द्वारा आपसी सहमति से यह गलत निर्णय लिया गया. लेकिन बीजेपी नेताओं के कड़े विरोध के बाद अब इस फैसले को रद्द कर दिया गया है.
साथ ही प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण बात लिखी के "भाजपा इस बात पर अड़ी है कि वक्फ बोर्ड का संविधान में कोई स्थान नहीं है और वह इसे जारी रखेगी..."