एक महिला और एक पुरुष के बीच 22 साल से आपसी संबंध थे, दोनों ही एक साथ पिछले 22 साल से live-in -relationship में रह रहे थे मगर जब उनके बीच खटास आ जाती है तो वह महिला उस व्यक्ति के ख़िलाफ़ रेप केस दर्ज करवा देती है,
इस मामले में वह व्यक्ति भी कर्नाटक हाइकोर्ट में याचिका डालता है और अब इसपर न्यायमूर्ति एम. नागाप्रसन्ना ने फैसला सुनाया है कि"दो दशकों से चले आ रहे आपसी सहमति के रिश्ते में खटास आने के बाद बलात्कार के आरोपों को उचित नहीं ठहरा सकते हैं"

