दुर्भाग्य है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी गुलामी की निशानियां अभी तक देश में उपस्थित हैं... जब तक ये निशानियां है तब तक सही मायने में देश आजाद है ही नहीं... ना देश 47 में पूरी तरह आजाद हुआ और न ही 2014 में .. अभी पूरी आजादी दूर है
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना..क्या इसमें थोड़ी भी सच्चाई है..?
November 16, 2024
3
भारत में कम से कम 1 हजार जगहों के नाम मजहबी दरिंदों ने बदले, अनेकों मंदिरों को तोड़ उनपर मजहबी ठिकाने बनाए, हत्या बलात्कार की तो गिनती ही करना असंभव है.. फिर कैसे कह सकते हैं को मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना...? फिर कौन सिखा रहा है भाई ..? 👇 वीडियो
Jai shree Ram 🙏
ReplyDeleteJay Shri Ram
ReplyDeleteजय श्री राम
ReplyDelete